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जयपुर। सहकारिता एवं गोपालन मंत्री श्री अजय सिंह किलक ने शुक्रवार को बताया कि गौशालाओं में रह रहे गौवंश के चारा-पानी एवं पशु आहार खरीद के लिए 25 जनवरी से 170 करोड़ रुपए की सहायता राशि जारी की जाएगी। इसके लिए पंजीकृत गौशालाओं एवं कांजी हाउस में आवासित गौवंश के सर्वे का कार्य जारी है जो 20 जनवरी तक चलेगा।

इन गौशालाओं को मिलेगी सहायता राशि…

श्री किलक ने बताया कि 31 दिसम्बर, 2015 से पूर्व राजस्थान गौशाला अधिनियम, 1960 एवं राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1958 के तहत पंजीकृत गौशालाओं को सहायता राशि प्राप्त करने के लिए पात्र हैं। उन्हीं गौशालाओं एवं कांजी हाउस को सहायता राशि दी जाएगी जिनमें 200 से अधिक गौवंश है और जिसका नियमित रूप से संचालन किया जा रहा है।

तीन माह के लिए जारी होगी एकमुश्त राशि…

सहकारिता एवं गोपालन मंत्री ने बताया कि मार्च, 2018 तक स्टाम्प ड्यूटी पर लगाए गए अधिभार से 215 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि गौशालाओं एवं कांजी हाउस में रह रहे गौवंश के लिए तीन माह की अवधि के लिए एक मुश्त सहायता राशि जारी की जाएगी।

प्रत्येक जिले में 50 लाख रुपए से निर्मित होगी नन्दी शाला…

उन्होंने बताया कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निराश्रित नन्दियों के कारण उत्पन्न समस्याओं को देखते हुए प्रत्येक जिले में जनसहभागिता के आधार पर न्यूनतम 500 नन्दी गौवंश की क्षमता की एक-एक नन्दी शाला बनाने का निर्णय किया गया है। उन्होंने बताया कि ऎसी प्रत्येक नन्दी शाला में आधारभूत सुविधाओं के निर्माण के लिए 50 लाख रुपए तक की लागत आएगी। यदि कोई आवेदक द्वारा नन्दी शाला के विकास कार्य की लागत में से 20 प्रतिशत राशि वहन की जाती है तो शेष 80 प्रतिशत राशि की सहायता गौ संरक्षण एवं संवद्र्धन निधि से दी जाएगी।

सहायता राशि के ऑनलाइन वितरण के लिए बनेगा सॉफ्टवेयर…

श्री किलक ने बताया कि गौशालाओं को सहायता राशि के वितरण को पारदर्शी बनाने के लिए रील के माध्यम से ऑनलाइन सॉफ्टवेयर बनवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सॉफ्टवेयर के तैयार होते ही इस वर्ष दी जा रही सहायता राशि का विवरण ऑनलाइन अपलोड करवा दिया जाएगा तथा अगले वर्ष से गौशालाओं को सहायता राशि का वितरण भी ऑनलाइन ही किया जाएगा।

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