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डीडवाना/लाडनूं/नागौर. गैंगस्टर आनंदपालसिंह एनकाउण्टर प्रकरण की सीबीआई जांच सहित अन्य मांगों को लेकर 19 दिन बाद आयोग के आदेश पर आखिर 20वें दिन गुरुवार शाम निकट के रिश्तेदारों की उपस्थिति में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार आनंदपाल मां, पत्नी, बेटी योगिता सहित अन्य परिजनों ने उनकी मांगें माने बिना अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। परिजनों ने आनंदपाल के बेटे को भी अंतिम संस्कार में नहीं भेजा। बताया जा रहा है कि आनंदपाल के मामा मोहनसिंह, अमरसिंह, मामा के बेटे रणजीतसिंह व मौसी के बेटे गजेन्द्रसिंह को समझाइश कर अंतिम संस्कार के लिए तैयार किया गया। इसके बाद गांव व रिश्तेदारी के करीब 40-50 लोगों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार कर दिया। एपी के चाचा ने मुखाग्नि दी। बुधवार को श्रद्धांजलि सभा के बाद हुए उपद्रव के बाद बिगड़ी स्थिति एवं मानवाधिकार आयोग के नोटिस पर पुलिस के दबाव के चलते देर शाम आनन-फानन में पुलिस-प्रशासन की उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान कफ्र्य में एक घंटे की ढील भी दी गई तथा पुलिस की ओर से गांव मुनादी भी कराई गई कि यदि कोई ग्रामीण चाहे तो अंतिम संस्कार में शामिल हो सकता है।

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बावजूद इसके अंतिम संस्कार में गिने-चुने लोग ही शामिल हुए। इस दौरान पुलिस ने मीडियाकर्मियों को भी सांवराद में प्रवेश नहीं करने दिया। परिजनों की मांगों को लेकर अलग-अलग बातें सामने आईं। सूत्रों के अनुसार राजपूत समाज से जुड़े पुलिस के आला अधिकारी ने मध्यस्ता करते हुए परिजनों को इस बात के लिए राजी किया कि यदि वे सीबीआई जांच की मांग को लेकर सरकार के समक्ष आवेदन पेश करेंगे तो उनकी मांग पर गंभीरता से गौर किया जाएगा। वहीं पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने जयपुर में मीडिया को बयान दिया कि परिजन बिना शर्त अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए। इससे पहले पुलिस ने मानवाधिकार आयोग की ओर से दिए गए नोटिस के आधार पर गुरुवार दोपहर करीब २ बजे परिजनों को नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे में अंतिम संस्कार करने का अल्टीमेटम दिया।

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