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 बिहार के नवगठित एनडीए सरकार के विश्‍वास मत के दिन विधानसभा परिसर में ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने वाले अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण मंत्री खुर्शीद फिरोज अहमद को इमारत-ए-शरिया के मुफ्ती सुहैल अहमद कासमी ने इस्‍लाम से बेदखल करने का फतवा जारी किया। फतवे के अनुसार मंत्री का निकाह भी रद कर दिया गया।

उधर, मंत्री ने बढ़ते विवाद के बाद माफी मांगी है। कहा कि जिन्‍हें मेरे बयान से ठेस पहुंची है, मैं उनके माफी मांगता हूं।

देर शाम खुर्शीद अहमद ने इमारत शरिया पहुंचकर मुफ्ती सोहेल अहमद कासमी के सामने अपने गलती का अहसास करते हुए तौबा किया और कलमा पढ़ा। इसके बाद इस्लाम में उनकी वापसी हुई।

विदित हो कि बीते 28 जुलाई को विधानसभा में एनडीए की नीतीश सरकार का बहुमत साबित होने के बाद पश्चिमी चंपारण के सिकटा से जदयू विधायक खुर्शीद अहमद ने विधानसभा परिसर में ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए थे। उन्‍होंने कहा था कि इस्लाम में नफरत की जगह नहीं है। वे राम के साथ रहीम को भी पूजते हैं।खुर्शीद महागठबंधन सरकार में मंत्री थे। वे बिहार की नई सरकार में भी अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण्‍ध मंत्री बनाए गए हैं।

इसके बाद इमारत-ए-शरिया के मुफ्ती ने उन्‍हें सियासत के लिए धर्म बेचने के आरोप में इस्‍लाम से बाहर करने की घोषणा की है। मुफ्ती ने उनके निकाह को भी रद कर दिया है। फतवे के अनुसार उन्‍हें अपनी गलती के लिए तौबा करने के बाद फिर से निकाह करना होगा।

फतवा पर बोले मंत्री 
इसपर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री खुर्शीद अहमद ने कहा कि फतवा जारी करने के पहले उनसे पूछना चाहिए था। मैं किस नीयत से ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाता हूं, यह पूछना चाहिए था। मैं इस फतवा को नहीं मानता। मेरे इमान में खोट नहीं। मैं सच्‍चा मुसलमान हूं।

आने लगीं राजनीतिक प्रतिक्रियाएं 
फतवे पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं। जदयू प्रवक्‍ता नीरज कुमार ने इमारत-ए-शरिया के मुफ्ती को देश का दतिहास पढ़ने की नसीहत दी। कहा कि राम व रहीम का नारा लगाने के लिए तो इस देश की परंपरा रही है। मंत्री मंगल पांडेय ने भी फतवा पर हैरत जताया है।

मुफ्ती बोले, फतवा उनकी निजी राय 
मंत्री द्वारा ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने में नीयत में खोट नहीं रहने की बात को फतवा जारी करने वाले मुफ्ती ने मानने से इन्‍कार कर दिया। हालांकि, उन्‍होंने इसे ‘इमारत-ए-शरिया’ का फतवा नहीं बताया। मुफ्ती के अनुसार यह उनकी निजी राय है।

अब्‍दुल बारी सिद्दकी ने बताया सही
राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दकी ने फतवे को सही बताते हुए कहा कि फिरोज अहमद ने यह बयान अतिउत्साह में दिया है।

माले नेता मो.इस्लामुद्दीन ने कहा कि खुर्शीद का बयान मौकापरस्ती की राजनीति है। कभी ये हिंदू बन जायेंगे तो कभी मुसलमान। सत्‍ता और कुर्सी के लिए ये कुछ भी कर सकते हैं।

सांसद छेदी पासवान मंत्री खुर्शीद आलम पर फतवा मामले पर कहा कि राम-रहीम में फर्क करने वाले लोग है जाहिल। फर्क करने वाले लोग ही देश में नफरत फैलाने का काम करते हैं।

राकंपा नेता व सांसद तारिक अनवर ने खुर्शीद अहमद पर हमला बोलते हुए कहा कि कुर्सी पाने के लिये कोई भी हद तक जा सकता है। ऐसे लोगों को कोई महत्व नहीं देना चाहिए।

खुर्शीद अहमद ने मांगी माफी 
बढ़ते विवाद के बीच जय श्री राम का नारा लगाने वाले विधायक खुर्शीद अालम ने कहा कि जिन लोगों को मेरे बयान से चोट पहुंची है, मैं उनसे माफी मांगता हूं। मैंने अपने अकलियतों के साथ बैठकर बात की। उन्‍हें समझाया कि मेरे बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं, मैंने किस लहजे में जय श्रीराम का नारा लगाया। किस उद्देशय से लगाया।

साभार : जागरण

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