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नई दिल्ली।  सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के ‘विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय’ ने देशभर के 51 समाचार पत्रों को ‘पेड न्यूज’ (धन लेकर खबर छापना) या कुछ अन्य शिकायतों का संतोषजनक जवाब नहीं देने के कारण दो माह के लिए उन्हें दिए जाने वाले विज्ञापन रोक दिये हैं।
निदेशालय के एक परामर्श पत्र के अनुसार इन समाचार पत्रों की भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने निंदा की थी। निदेशालय ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए इन्हें दो महीने के लिए अपनी विज्ञापन सूची से निलंबित कर दिया है। इन समाचार पत्रों को 13 सितंबर 2017 से लेकर 12 नवंबर 2017 तक डीएवीपी से कोई विज्ञापन नहीं मिलेगा।
परामर्श पत्र के साथ इन 51 समाचार पत्रों की सूची भी जारी की गयी है। इनमें दिल्ली, भोपाल, पुणे, इंदौर, उज्जैन, लखनऊ, रायपुर, कोटा, जयुपर, भुवनेश्वर, मदुरै, पुणे, सिरसा और सतना आदि शहरों से प्रकाशित होने वाले कुछ समाचार पत्र शामिल हैं।
सूची में शामिल किए गए समाचार पत्र दो श्रेणी में हैं। इनमें से एक श्रेणी डीएवीपी की विज्ञापन सूची में शामिल समाचार पत्रों की हैं। इन समाचार पत्रों काे दाे महीने के लिए विज्ञापन सूची से बाहर किया गया है। दूसरी श्रेणी में वे समाचार पत्रों हैं जो विज्ञापन सूची में शामिल नहीं है और ऐसे समाचार पत्रों को अगले दो महीने तक विज्ञापन सूची में शामिल नहीं करने का फैसला किया गया है।
इन सभी समाचार पत्रों की भारतीय प्रेस परिषद ने पेड न्यूज या आक्षेप की स्थिति या कुछ अन्य आराेपों में संतोषजनक जवाब नहीं देने के लिए निंदा की थी। 

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