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सफाई निरीक्षण के दौरान जिला कलक्टर ने किया स्कूल का भ्रमण

बीकानेर। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम गुरुवार को शहर के अंदरूनी क्षेत्र में साफ-सफाई का निरीक्षण करने निकले। इसी दौरान उन्होंने राजकीय सीनियर सेकेण्डरी स्कूल मोहता मूलचंद का निरीक्षण तो हतप्रभ रह गए। स्कूल में न तो अध्यापक थे और ना ही छात्र। स्कूल की साफ सफाई देखकर तो लग रहा था जैसे कई महीनों बाद स्कूल खुली है। फर्नीचर के नाम पर एक भी स्टूल या टेबल कक्षाओं में नहीं थी, कुछ कमरों में दरी लगी थी वह भी गंदगी से सनी थी।
कक्षाओं में ब्लैक बोर्ड पर तो लिखना, युद्ध करने से कम नहीं था। ब्लैकबोर्ड की दशा बता रही थी की इस पर कुछ भी लिखना सिर्फ जोर आजमाइश करने जैसी बात है। ग्रीन ब्लैक बोर्ड तो केवल स्कूल के कागजों में ही सीमित था। अध्यापकों के लेट आने के बहाने हास्यप्रद कहानियों से कम नहीं थे, यह सब देख सुनकर जिला कलक्टर विमूढ़ से हो गए।
जिला कलक्टर ने जब कक्षाओं का निरीक्षण किया तो देखा कि वहां छात्रों के बैठने के लिए कुर्सी-स्टूल नहीं थी। पूरी कक्षा में गंदगी जमा थी और खिड़कियों की हालत बेहद नाजुक थी। कक्षा रूम में पक्षियों ने अपने घौंसले बना रखे हैं, कक्षा रूम तक जाने वाले बरामदों में पान खाकर पीठ थूकने से गंदे पड़े थे, पूरी जगह दीवार पान की पीक से खराब थी। कक्षा नाईन्थ में 37 छात्रों के नामांकन होने की बात बताई गई, जबकि वहां केवल तीन ही छात्र बैठे थे। सभी छात्र अलग-अलग विषय की किताब लेकर बैठे थे। छात्रों से रवैए से साफ झलक रहा था कि विद्यार्थियों को पता ही नहीं था कि कौन सा कालांश किस विषय का है। जैसे ही पता चला जिला कलक्टर आ गए हैं और उपस्थित बच्चे अपने-अपने कक्षाओं में किताब खोल कर बैठ गए। कुमार पाल गौतम के स्कूल में पहुंचने और व्यवस्थाओं से काफी कुछ रूबरू हो जाने के बाद करीब 35 मिनट के बाद प्राचार्य श्रीमती किरण पंचारिया पहुंची जिला कलेक्टर ने ने पूछा कि मैडम इतनी लेट कैसे आए तो उन्होंने कहा कि रेलवे फाटक बंद होेने के कारण लेट हो गई।
इतनी धनराशि फिर भी सुविधाओं का अभाव
निरीक्षण के दौरान जिला कलेक्टर ने देखा कि छात्रों के लिए बैठने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है तो उन्होंने प्राचार्य से पूछा कि स्कूल के विकास मद में तथा छात्र कल्याण कोष में कितनी धनराशि है। प्राचार्य ने बताया कि स्कूल में आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए 15 लाख रूपए उपलब्ध है। इतना सुनने के बाद तो जिला कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए कि इतना पैसा पड़ा है फिर भी काम नहीं करते हा,े क्या करोगे इन पैसों का, बच्चों की सुविधाओं के लिए जब इतना पैसा पड़ा है तो अच्छे फर्नीचर और ग्रीन ब्लैक बोर्ड क्यों  नहीं खरीद रहे हो। उन्हें बताया गया कि अलग-अलग मद में 8 लाख व 6 लाख रूपए पड़े हैं। जिला कलक्टर ने पूछा विकास खंड के पैसे कहां खर्च करने हैं। इसका स्कूल स्टाफ कोई जवाब नहीं दे सका। इस पर गुस्साए जिला कलेक्टर ने कहा कि इस धनराशि का शीघ्र उपयोग करें। राजकीय लेखा नियमों के तहत और बच्चों को सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि अगर इन पैसों से अगले 7 दिन में बच्चों को आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हुई तो प्राचार्य के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
लाइट और पंखे एक ही स्विच में
घने कोहरे के बीच जब जिला कलेक्टर स्कूल के प्रथम मंजिल पर बने कमरों में गए तो देखा कि कमरे में बहुत अंधेरा है । उन्होंने वहां बैठे छात्रों से कहा कि लाइट जला लो , जैसे ही एक छात्र ने उठकर एक स्विच ऑन किया तो लाइट के साथ-साथ पंखे भी चल पड़े जिला कलेक्टर के पंखे बंद करो तो छात्र ने बताया कि एक ही स्विच में दोनों कनेक्शन हैं।
स्कूल लेट आने के अपने-अपने बहाने थे
जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम आयुक्त नगर निगम प्रदीप के साथ स्कूल के मुख्य दरवाजे के  अंदर खड़े थे। तभी एक-एक करके अध्यापक आने लग। एक शिक्षिका ने रेलवे फाटक बंद हो जाने के कारण लेट आना बताया तो दूसरी शिक्षिका ने कहा कि खराब मौसम के चलते उनकी गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई, तो तीसरे अध्यापक ने सफाई दी गई कि  वे  बीएलओ है इसलिए लेटे हैं। जिला कलेक्टर ने कहा कि  सभी लोग  निश्चित समय सीमा में स्कूल में आकर बच्चों को पढ़ाएं तथा  परीक्षा से पहले कोर्स हो जाए यह सुनिश्चित करें।
नाले की मरम्मत हो शुक्रवार तक
जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने सफाई निरीक्षण के दौरान स्थानीय लोगों ने बताया कि नत्थुसर के गेट के अंदर हरिजन बस्ती के पास नाला असुरक्षित है तथा पूरी तरह से पॉलीथी ने जाम भी है। नाला किसी भी समय टूट सकता है और हादसा हो सकता है। लोगों के नाले का अवलोकन करने का आग्रह पर जिला कलक्टर ने शेड्यूल निरीक्षण को छोडकर उन युवकों के साथ चल दिए जिन्हेांने यह समस्या बताया थी। नाले की हालत को देखकर जिला कलक्टर ने शुक्रवार तक आयुक्त नगर निगम को नाला ठीक करवाने के निर्देश दिए। गौतम ने यहां से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में साफ सफाई को देखा।

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