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बीकानेर(www.hellobikaner.com)। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने सोमवार देर रात स्थानीय सेटेलाइट अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण किया और संपूर्ण व्यवस्थाओं को देखा ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक से अस्पताल के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त की। चिकित्सक ने बताया कि वर्तमान में अस्पताल में 40 चिकित्सक कार्यरत हैं तथा रोगियों को जरूरत के मुताबिक भर्ती करने की सुविधा भी है।
जिला कलेक्टर ने महिला वार्ड में भर्ती रोगियों से भी बातचीत की इस दौरान अस्पताल में गंदगी पर नाराजगी जताई। निरीक्षण के दौरान अस्पताल में घूमते कुत्तों को देखा तो जिला कलेक्टर ने अफसोस जाहिर किया कि संभाग मुख्यालय पर स्थित इस अस्पताल की यह दुर्दशा सब के लिए शर्मनाक है। अस्पताल परिसर में प्रथम मंजिल पर स्थित वार्ड में एक भी मरीज नहीं था। जिला कलक्टर ने चिकित्सक ने पूछा कि मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था है या नहीं तो चिकित्सक ने बताया कि व्यवस्था तो है मगर मरीज नहीं हैं। जबकि इससे पहले जिला कलेक्टर ने जैसे ही अस्पताल में प्रवेश किया तो प्रहलाद अपनी पत्नी और अपने बच्चे को लेकर बाहर जा रहा था। उसने बताया कि बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण इसे पीबीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया है। ड्यूटी पर तैनात विजयपाल भी शिशु रोग विशेषज्ञ हैं। जिला कलेक्टर ने वापस अस्पताल से बाहर आकर एंबुलेंस में उन्हें पीबीएम तक भेजा। बच्चे को रेफर करने के बारे में मौके पर उपस्थित चिकित्सक कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।
जिला कलक्टर जब अस्पताल में पहुंचे तो मुख्य द्वार पर 10 से 12 लोग खड़े थे और वहां चार-पांच मोटरसाइकिल खड़ी थी। जैसे ही जिला कलक्टर ने पूछा कि आप लोग यहां क्यों खड़े हैं तो उन्होंने बताया कि हमारे रिश्तेदार अस्पताल में भर्ती है। निरीक्षण करके बाहर लौटे तो तब तक उन्हें पता चल गया था कि उनसे बात करने वाला व्यक्ति बीकानेर के जिला कलक्टर हैं और जब उनसे पूछा कि आप ने कहा हमारे रिश्तेदार भर्ती है पर अस्पताल में तो कोई रोगी भर्ती है ही नहीं, इतना सुनते ही सभी लोग वहां से अपनी अपनी मोटरसाइकिल लेकर रवाना हो गए। जिला कलेक्टर ने चिकित्सक से पूछा कि यह क्या कर रहे थे और क्यों खड़े थे इस बात का भी कोई जवाब चिकित्सक के पास नहीं था।
एक माह में रेफर रोगियों की देनी होगी रिपोर्ट
जिला कलेक्टर ने बताया कि स्थानीय अस्पताल द्वारा पिछले एक माह में जितने रोगियों को पीबीएम अस्पताल के लिए अथवा किसी अन्य अस्पताल के लिए रेफर किया है उन सभी प्रकरणों की जांच वरिष्ठ चिकित्सकों के माध्यम से करवाई जाएगी कि किन कारणों से इन्हें रेफर किया गया। रेफर करने के पीछे सुविधाओं का अभाव था अथवा किसी जांच आदि के लिए रेफर किया गया है अगर कोई महत्वपूर्ण बात अथवा बीमारी ना होने के बावजूद भी उन्हें रेफर किया गया है तो संबंधित चिकित्सक से इसके बारे में स्पष्टीकरण मांगा जाएगा तथा संपूर्ण प्रकरण को राज्य सरकार को प्रेषित कर जिला अस्पताल द्वारा किए गए कार्यों के बारे में अवगत करवाया जाएगा

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