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गंदे पानी की समस्या का हो स्थाई समाधान-जिला कलक्टर

चांदमल बाग क्षेत्र का किया निरीक्षण

बीकानेर (हैलो बीकानेर न्यूज़)। जिला कलक्टर एवं अध्यक्ष नगर विकास न्यास कुमारपाल गौतम ने कहा कि        गंगाशहर तथा सुजानदेसर के पास स्थित ट्रीटमेंट प्लांट के पानी का उपयोग हो सके, इसके लिए नगर विकास न्यास तथा आरयूआईडीपी कंसलटेंट से तकमीना बनवाकर कार्य करें, जिससे यहां एकत्रित हो रहे पानी का पुनः उपयोग हो सके। इस संबंध में आसपास के निवासियों तथा सामाजिक संस्थाओं से बातचीत कर गोचर भूमि में गायों और पशुधन के लिए चारे की उपज मिल जाए, ऐसी संभावनाएं भी तलाशी जाएं।
गौतम ने शनिवार को बीकानेर के उपनगर गंगाशहर के पास स्थित चांदमल बाग तथा सुजानदेसर में एकत्रित हो रहे गंदे पानी तथा आरयूआईडीपी व नगर विकास न्यास द्वारा करवाए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने तीनांे विभागों के अभियंताओं को निर्देश दिए कि जो पानी एकत्रित हो रहा है, उसे साफ करके पाइप लाइन के माध्यम से वह खेती के काम में आ सके, इसकी भी कार्य योजना बनाएं। जहां सीवरेज का पानी एकत्रित हो रहा है उसके आस-पास काफी जमीन गौचर भूमि के लिए आरक्षित है। उन्होंने कहा कि इसकी संभावना तलाशी जाए कि इस गोचर भूमि अथवा ट्रीटमेंट प्लांट से 5 किलोमीटर दूर जहां कुछ किसान अपनी बाड़ियों में खेती कर रहे हैं, उनसे बातचीत करें तथा पानी को पाइपलाइन से वहां तक पहुंचाएं, जिससे इस पानी का उपयोग हो सके और स्थानीय लोगों को हो रही दिक्कत का समाधान भी हो सके। इसके साथ ही इस पानी के उपयोग से पशुओं को हरा चारा उपलब्ध हो सकेगा।
न्यास अध्यक्ष ने कहा कि नगर विकास न्यास और आरयूआईडीपी मिलकर पंपिंग स्टेशन के पास से अगर संभव हो तो पाइपलाइन अथवा ओपन ड्रेनेज सिस्टम से पानी को गोचर भूमि में पहुंचाने की व्यवस्था करें, जहां पर गायों तथा अन्य पशुओं के लिए भी चारा पैदा हो सके। उन्होंने कहा कि नगर विकास न्यास द्वारा संचालित पंपिंग स्टेशन पर लॉग बुक रजिस्टर रखा जाए। पंपिंग स्टेशन 24 घंटे में कितने समय काम करता है, पंपिंग स्टेशन की मोटर कितने समय खराब रहती है अथवा बिजली आपूर्ति बाधा या अन्य कोई तकनीकी खामी होती है, उसका इंद्राज लॉग बुक में किया जाए। लाॅग बुक के आधार पर समस्या का चिन्हीकरण कर उसके स्थाई समाधान के लिए कार्रवाई अमल में लाई जा सकेगी।

विभाग रखें आपस में सामंजस्य

कुमारपाल गौतम नेें तीनों विभागों के अधिकारियों को कड़े शब्दों में निर्देश दिए कि आपस में सामंजस्य स्थापित रखें तथा कार्य का संपादन इस प्रकार से हो कि आमजन को किसी भी स्थिति में परेशानी नहीं होनी चाहिए। अगर किसी भी विभाग द्वारा कार्य में टालमटोल किया गया अथवा एक दूसरे को सहयोग नहीं करने के कारण से पानी के ड्रेनेज या अन्य कार्य में रुकावट आती है तो संबंधित विभाग के अधिकारी व  कार्मिक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
जिला कलेक्टर ने संबंधित विभागों के  अभियंताओं को निर्देश दिए कि शहर में सफाई व्यवस्था माकूल होनी चाहिए। नालों व नालियों की सफाई नियमित रूप से करवाई जाए। नालियों से पाॅलीथिन निकालने के कार्य को प्राथमिकता दी जाए। पाॅलीथिन के कारण सीवरेज चोक होने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने निगम अधिकारियों को निर्देश दिये कि पाॅलीथिन थैलियों की रोकथाम के लिए सतत रूप से अभियान चलाकर इन पर प्रभावी अंकुश लगाया जाए। पाॅलीथिन थैलियों से जहां नाली व नाले अवरूद्ध होते हैं वहीं पशुओं के स्वास्थ्य के लिए भी यह अत्यंत हानिकारक है।
इस अवसर पर आरयूआईडीपी के अभियंता डी के मित्तल, न्यास अभियंता भंवरू खान, निगम के राजस्व अधिकारी जगमोहन हर्ष तथा जयकिशन गहलोत उपस्थित थे।

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