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  • मुकेश पूनिया

बीकानेर। खाद्य पदार्थो की मिलावटखोरी का गढ बने बीकानेर का नाम भले ही प्रदेशभर में बदनाम हो,लेकिन स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में बीकानेर मिलावटखोरी में पास हो गया है। मिलावटखोरी के मामले में विभाग की ओर से लिये गये खाद्य पदार्थो की सैंपल रिपोर्ट खासी चौंकाने वाली है। जानकारी में अनुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने बीते साल खाद्य पदार्थों की जांच करने के लिए 68 सैंपल लिए हैं।

इनमें महज 7 सैंपल ही फेल हुए हैं,जबकि 10 सैंपलों की रिपोर्ट अभी आई नहीं है। जबकि हकीकत यह है कि बीकानेर में बीते साल बड़ी तादाद में नकली घी,दूषित मावा और मिर्च मसालें पकड़े जा चुके है। जिले के खाद्य सुरक्षा निरीक्षक मेहबूम अली ने बताया कि साल 2018 में खाद्य पदार्थो के कुल 68 सैंपल लेकर जांच के लिये जयपुर स्थित प्रयोगशाला में जांच के लिये भेजे गये थे,इनमें दिवाली के सीजन में लिये गये 8 खाद्य पदार्थो के सैंपल भी शामिल है।

इन सैंपलों की जांच में महज 7 सैंपल फेल हुए है,रिपेार्ट से साफ तौर पर जाहिर हो गया है कि बीकानेर में ज्यादा मिलावटखोरी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग कि इस रिपोर्ट के इत्तर हकीकत पर गौर किया नकली घी कारोबार के मामले में बीकानेर का नाम सबसे टॉप है,यहां बड़ी तादाद नकली घी की फैक्ट्रिया पकड़ी जा चुकी है। बाजारों में घी की दुकानों में बड़े पैमाने पर नकली घी बिक रहा है। इसी प्रकार मिलावटी और दूषित मावे की सप्लाई में भी बीकानेर का नाम सुर्खियों में रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम भी यहां बड़ी तादाद में दुषित और मिलावटी मावा जब्त कर नष्ट करवा चुकी है। मिठाईयों में मिलावटखौरी के कारण भी बीकानेर का नाम प्रमुखता पर रहा है,मिलावटी मिर्च मसाले तो लंबे अर्से से बिक रहे है। खास बात तो यह है कि ज्यादात्तर खाद्य पदार्थ और मिठाईयां भी नकली घी,मिलावटी मावे और मिर्च मसालों से बन रही है,इसके बावजूद भी खाद्य पदार्थो के सैंपल जांच में पास हो जाने की रिपोर्ट खासी चौंकाने वाली है। इससे साफ जाहिर होता है कि खाद्य पदार्थो के सैंपल लेने में मिभीभगत हुई है। जिन प्रतिष्ठानों से सैंपल लिये गये उन्होने खाद्य सुरक्षा निरीक्षक को मिलावट खाद्य पदार्थ के बजाय शुद्ध खाद्य पदार्थो के सैंपल मुहैय करवा दिये। लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इससे इंकार कर रहे है।

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