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महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं- डॉ विश्वनाथ

महिलाएं अपनी शक्ति पहचानें- प्रो. पडिया

महिलाएं आत्मनिर्भर बनें- डोगरा

हैलो बीकानेर । ‘महिला सशक्तीकरण ः चुनौतियां एवं संभावनाएं’ विषय पर शनिवार को होटल राजमहल में एसकेआरयू के स्नातकोत्तर अध्ययन विभाग द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

          संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए संसदीय सचिव डॉ विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि बालिकाओं को उच्च शिक्षित किया जाए, जिससे वे जीवन में आगे बढ़ सकें। आवश्यकता इस बात की है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में समानता का अधिकार दिया जाए तथा लिंग अनुपात में असमानता दूर की जाए। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण हेतु अनेक कार्यक्रम सफलतापूर्वक क्रियान्वित किए जा रहे हैं। आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं। भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला की अध्यक्ष प्रो. चन्द्रकला पडिया ने कहा कि नारी सशक्तीकरण के क्षेत्र में अभी एक लंबा मार्ग तय करना है व इसमें आ रही बाधाओं को समन्वित प्रयासों से दूर किया जाए। महिलाओं को उनके योगदान व उपलब्धियों का श्रेय दिया जाए। महिलाएं अपनी शक्ति पहचानें। पूरे विश्व में महिलाओं की स्वास्थ्य, साक्षरता आदि क्षेत्रों में स्थिति असंतोषजनक है।

           जोधपुर डिस्कॉम एमडी आरती डोगरा ने कहा कि अब महिलाएं सशक्त हो रही हैं, वे किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से कम नहीं हैं। जरूरत इस बात की है कि महिलाओं के प्रति समाज की सोच बदली जाए। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनना महिलाओं के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण कदम है। वे विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए जीवन पथ पर अग्रसर हाें। अभिभावक अपने पुत्र-पुत्री में भेद न करते हुए, बेटी को जीवन में आगे बढ़ने का मौका दें। बीएसएफ की असिस्टेंट कमान्डेंट तनुश्री पारीक ने कहा कि महिलाएं आत्मविश्वास रखें तभी वे सभी बाधाओं को पार कर सकती हैं। उन्होंने कैमल एक्सपीडिशन के अनुभव बताते हुए कहा कि इसके माध्यम से दूरदराज के गांवों में भी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया जा रहा है।

        वरिष्ठ पत्रकार मीना शर्मा ने कहा कि अभिभावक अपनी बेटी को हर प्रकार से सक्षम बनाएं। उन्होंने कहा कि कन्या भू्रण हत्या भीषण अपराध है, महिलाएं मजबूत होकर व बिना किसी दबाव में आए, इसका विरोध करें। संगोष्ठी समन्वयक डॉ. विमला डुकवाल ने कहा कि महिलाओं में प्रबन्धन, धैर्य, याद््दाश्त, मानसिक संतुलन आदि गुण पुरूषाें की अपेक्षा अधिक बेहतर होते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि ऎसे आयोजनों से शहर का नाम देश-विदेश में रोशन होगा। संगोष्ठी सह-संयोजक डॉ.चन्द्रशेखर श्रीमाली ने स्वागत भाषण दिया। रामपुरिया होटल की निदेशक अंजु रामपुरिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. ज्योति जोशी ने किया। इस अवसर पर पोस्टर प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।

        कार्यक्रम में नगर विकास न्यास अध्यक्ष महावीर रांका, डॉ. बेला भनोत, डॉ. उमाकान्त गुप्त, डॉ. नरेश गोयल, रोचक गुप्ता, कन्हैयालाल बोथरा, राजेश चूरा, संदीप चांदना, मोनिका गौड सहित अनेक राज्यों की विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं ने शिरकत की।

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