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बीकानेर, (हैलेा बीकानेर)। बीकानेर शहर में आजकल फास्टफूड का मार्केट बढ़ता जा रहा है। खान पान के शौकीन बीकानेर शहरवासीयों को नये-नये प्रकार के फास्टफूड आईटम ज्यादा पसंद आ रहे है। बीकानेर के मूल व्यापार पर इसका असर भी पड़ रहा है। बीकानेर के एक व्यापारी ने हैलो बीकानेर से बातचीत में बताया कि भुजिया और कचौरी ही बीकानेर शहर वासियों की पहली पसंद हुआ करती थी लेकिन आज कल फास्टफूड का जमाना आ गया है जिससे भुजिया व कचौरी व्यापार पर असर पड़ रहा है। बच्चे, महिलाएं फास्टफूड को ज्यादा पसंद करते है। बीकानेर में बढ़ता जा रहा है फास्टफूड का मार्केट…

इन स्थानों पर मिलते है विभिन्न प्रकार के फास्टफूड आइटम…
बीकानेर में दो बड़े ऐसे स्थान है जहां पर आपको फास्टफूड के हर प्रकार के आइटम उपलब्ध हो जाते है। पहला स्थान जहां पर सर्वाधिक भीड होती है वह है जूनागढ़ किले के सामने, जूनागढ़ के सामने कम से कम १०/१५ फास्टफूड आइटम के ठेले लगे होते है। जहां आपको हर प्रकार का फास्टफूड आइटम मिल जायेगा। दुसरा स्थान है जस्सू्रसर गेट के बाहर, यहां रात-रात भर तक लोग फास्टफूड आइटमों का स्वाद लेते आपका दिखाई दे देगें।

ये फास्टफूड ज्यादा पंसद आ रहा है बीकानेर के लोगों को
बीकानेर के लोगों को सर्वाधिक भल्लापपडी, चुरमुर, भेलपूरी, मनचूरियन, पिचका, नमकीन राजभोग, वडापाव आदि।

सुप्रसिद्ध कचौरी को मिल रही है कड़ी टक्कर….
बीकानेर के सुप्रसिद्ध कचौरी, समौसा, पनीर कोफता, दहिबड़ा आदि को फास्ट फूड ने कड़ी टक्कर दी है। जहां कभी शहर के अंदरूनी क्षेत्र में आज भी कचौली-समौसा पहली पसंद हुआ करता था वहां पर भी धीर-धीरे फास्टफूड ने अपनी जगह बना ली है।

कचौरी से कही आगे निकल चुका है फास्टफूड….
बीकानेर में औसतन 40-50 हजार कचौरी की प्रतिदिन खपत होती है। कचौरी की दुकानों पर जहां जबदस्त भीड लगी होती थी वही भीड अब फास्टफूड के ठेलों पर नजर आ रही है। फास्टफूड का मार्केट कचौरी से दुगना व्यापार कर रहा है। इन फास्टफूड के ठेलों से बीकानेर के रेस्टोंरन्ट पर काफी प्रभाव पड़ा है। फास्टफूड ठेलों वालों के पास नहीं है फूड लाइसेंस।

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