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हैलो बीकानेर। चीन में मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ लंदन में आवाज उठा रही है। बड़ी बात यह है कि चीनी मुस्लिम संगठनों ने बीकानेर के युवा अधिवक्ता को इस मामले में आवाज उठाने के लिए न सिर्फ लंदन आमंत्रित किया बल्कि संयुक्त राष्ट्र में भी इस मसले पर दखलंदाजी देने का जिम्मा सौंपा है। बीकानेर मूल के अधिवक्ता सिद्धार्थ आचार्य पिछले दिनों लंदन में चीनी दूतावास के आगे चीनी मुस्लिमों के प्रदर्शन में उनके साथ खड़े नजर आए।

 सिद्धार्थ ने बताया कि चीन के झिंगझियांग क्षेत्र में कम्युनिस्ट लोग  अल्पसंख्यक मुसलमानों पर धर्म बदलने या फिर देश से निकलने का दबाव बनाते रहते हैं। इन्हीं में से पीडि़त लोगों ने अब अपना संगठन बना लिया है। यह लोग लंदन में एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि दुनियाभर में चीन की खिलाफत की जा सके। नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट की वकालात कर रहे सिद्धार्थ आचार्य को इन संगठनों ने दस दिसम्बर को मानवाधिकार दिवस पर आमंत्रित किया।  वहां चीनी दूतावास के आगे हुई सभा में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए आचार्य ने कहा कि चीन का मानवाधिकार में विश्वास ही नहीं है। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना चीन का शौक रहा है।
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय विषयों पर मजबूत पकड़ रखने वाले सिद्धार्थ आचार्य ने मानवाधिकार पर विशेष अध्ययन किया है। कश्मीर के हालात पर एक वृतचित्र बना चुके सिद्धार्थ ने इंग्लैंड की संसद से लेकर अमेरिका के कई मंचों पर मानवाधिकार का मुद्दा उठाया है। आचार्य बीकानेर के वरिष्ठ अधिवक्ता रहे श्रीगोपाल आचार्य के पोत्र और प्रवीण आचार्य के पुत्र हैं।

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