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बीकानेर। बीकानेर में आज नृसिंह चतुर्दशी मनाई जाएंगी। इस माैके पर बीकानेर के समस्त नृसिंह मंदिराें में सुबह से कार्यक्रम शुरू हो जायेंगे। बीकानेर में नृसिंह मेला कई सालों मनाया जाता है। इस दाैरान मंदिराें में भगवान नृसिंह का विशेष पूजन, श्रृंगार और प्रसाद अर्पण के साथ ही महाआरती हाेगी। बीकानेर के लखाेटिया चाैक स्थित मंदिर सहित शहर के सात स्थानाें पर शाम 5 बजे मेले भरेंगे। लखाेटिया चाैक स्थित मंदिर में इस माैके पर पाकिस्तान के मुल्तान शहर की मिट्टी से बने और साेने की कलम से नक्काशी किए प्राचीन मुखाैटे काे पहन का भगवान नृसिंह और हिरण्यकश्यप के बीच युद्ध लीला के प्रसंग काे प्रस्तुत किया जाएगा।

यहां सुबह 4 बजे से भगवान नृसिंह का पंचामृत से अभिषेक हाेगा तथा फूलाें का श्रृंगार किया जाएगा। इस माैके पर लखाेटिया चाैक में हिरण्यकश्यप का पूजन भी हाेगा। दर्शानार्थियाें की सुविधा के लिए लखाेटिया चाैक में दाे बड़ी स्क्रीन भी लगाई जाएगी। वहीं गाेगागेट स्थित ऋग्वेदी ब्राह्मण गायत्री मंदिर में भी नृसिंह जयंती समाराेह मनाया जाएगा। जयंती के माैके पर मंदिराें काे रंग-बिरंगी राेशनी से सजाया गया है।



बीकानेर के लखाेटिया चाैक स्थित नृसिंह मंदिर में हिरण्यकश्यप के पूजन की परंपरा भी निभाई जाती है। बताते है कि करीब 425 वर्ष प्राचीन इस मंदिर गिरधरलाल श्रीमाली ने करीब पांच दशक तक हिरकश्यप की भूमिका निभाई। इस दाैरान उनके साथी किशनलाल व्यास बार-बार उनसे हिरण्यकश्यप बनने का आग्रह करते तक श्रीमाली कहते मुझमें जब तक ताकत है तब तक में ही बनूंगा। एक बार मेले के दाैरान ही श्रीमाली की तबीयत खराब हाे गई ऐसे में श्रीमाली ने तत्काल हिरण्यकश्यप का वेश अपने साथी किशनलाल काे पहना दिया और उसी वेश में अस्वस्थता के बाद भी अपने घर की खिड़की से ही उनकी आरती उतार कर पूजन किया। तब से ही मंदिर के पीछे हिरण्यकश्यप के पूजन की परंपरा निभाई जाती है।

शाम 5 बजे मंदिरों में मेले भरेंगे

नृसिंह जयंती के माैके पर शहर के सात नृसिंह मंदिराें में विभिन्न कार्यक्रमाें के साथ ही नृसिंह-हिरण्यकश्यप की लीला हाेगी। इस दाैरान भगवान नृसिंह व हिरण्यकश्यप के बीच युद्ध लीला के प्रसंग काे साकार किया जाएगा। लखाेटिया चाैक, डागा माेहल्ला, दुजारियाें की गली, नत्थूसरगेट के बाहर, दम्माणी चाैक, लालाणी व्यासाें का चाैक, नत्थूसर बास और गाेगागेट क्षेत्र स्थित नृसिंह मंदिराें में विशेष पूजन के साथ ही महाअारती का अायाेजन भी हाेगा। वहीं शाम 5 बजे मंदिराें में मेले भरेंगे। भगवान नृसिंह और हिरण्यकश्यप का वेश धारण कर युवा दर्शनार्थियाें काे दर्शन देंगे।

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