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हैलो बीकानेर,अविनाश आचार्य, चूरू। वर्ष 2004 के एथेंस पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद 12 साल बाद पिछले वर्ष रियो पैरालिंपिक में गोल्ड जीतकर धूम मचा चुके पैरा खेलों के सचिन कहे जाने वाले राजस्थान के देवेंद्र झाझडिय़ा को भारत सरकार की ओर से देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार खेल रत्न दिए जाने की घोषणा की गई है। गुरूवार को पुरस्कार समिति की बैठक के बाद यह घोषणा की गई। आपको बता दे कि झाझडिय़ा के साथ ही हॉकी खिलाड़ी सरदार सिंह को भी खेल रत्न पुरस्कार दिया जाएगा। देवेंद्र राजस्थान के दूसरे खिलाड़ी हैं, जिन्हें यह पुरस्कार दिया जाएगा। इससे पूर्व शूटर राज्यवर्धन सिंह को वर्ष 2005 में यह पुरस्कार दिया गया था, जो वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं। यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले देवेंद्र देश के पहले पैरा खिलाड़ी होंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष रियो डी जेनेरियो में हुए पैरालिंपिक खेलों में भारत के देवेंद्र झाझडिय़ा ने जेवलिन थ्रो में 63-97 मीटर की रिकॉर्ड दूरी तय की और बारह साल पुराना अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए देश के लिए अपना दूसरा ओलिंपिक गोल्ड जीता था। इस प्रदर्शन के साथ ही झाझडिय़ा को खेल रत्न दिए जाने की संभावनाएं प्रबल हो गई थीं। वर्ष 2012 में ही पद्मश्री से सम्मानित हो चुके देवेंद्र को रियो पैरालिंपिक के प्रदर्शन के बाद विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। वे भारत के लिए किसी भी पैरालिंपिक एकल स्पर्धा में दो बार स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले एवं एकमात्र खिलाड़ी हैं। झाझडिय़ा अब तक 19 इंटरनेशनल मेडल जीत चुके हैं, जिनमें से 13 स्वर्ण, 4 रजत, एवं 2 कांस्य पदक शामिल हैं। चूरू जिले की राजगढ़ तहसील के गांव झाझडिय़ों की ढाणी में जन्मे देवेंद्र को पुरस्कार दिए जाने की घोषणा के बाद दिनभर फेसबुक, वाट्सएप्प आदि सोशल माध्यमों पर इसकी चर्चा रही। देवेंद्र ने इस पुरस्कार का श्रेय माता जीवणी देवी, पिता रामसिंह झाझडिय़ा,कोच सुनील तंवर को दिया है।

 

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