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नई दिल्ली।   भारत और चीन की सेनाओं के बीच सिक्किम सेक्टर से लगते डोकलाम क्षेत्र में पिछले लगभग ढाई महीने से चला आ रहा गतिरोध आज दोनों के विवादित क्षेत्र से अपने सैनिकों को को हटाने के साथ खत्म हो गया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि दोनों देशों के बीच डोकलाम से अपनी -अपनी सेना हटाने पर सहमति बनी थी और इसके बाद वहां से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गयी थी जो लगभग पूरी हो गयी है।
मंत्रालय ने इससे पहले एक बयान में कहा था कि हाल के सप्ताहों में भारत एवं चीन के बीच डोकलाम की घटना को लेकर राजनयिक संवाद चला जिसमें भारत अपनी चिंताओं एवं हितों को लेकर अपने विचारों से चीन को अवगत कराने में समर्थ रहा है। इसी आधार पर डोकलाम क्षेत्र में सैनिकों को आमने सामने से तत्परता से हटाने को लेकर सहमति बनी और यह प्रक्रिया शुरू की गयी है।
प्रवक्ता ने कहा कि भारत का शुरू से यह मानना रहा है कि इस तरह के मतभेदों को राजनयिक माध्यम से ही दूर किया जा सकता है। भारत का यह सैद्धांतिक रूख रहा है कि सीमा से जुडे मुद्दों के बारे में समझौतों और सहमति का पूरी तरह सम्मान किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत की नीति इसी बात पर आधारित रही है कि द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए सीमा पर शांति और मैत्री जरूरी है। दोनों देशों ने जून माह के शुरू में अस्ताना में इस बात पर सहमति व्यक्त की थी कि मतभेदों को विवाद नहीं बनने दिया जाना चाहिए और भारत तथा चीन के संबंध स्थिर रहने चाहिए। हम इस आधार पर चीन के साथ बातचीत आगे बढाने के पक्षधर हैं। 

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