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बीकानेर। श्री गोपेश्वर विद्यापीठ सैकेंडरी स्कूल और डिसेंट किड्स द्वारा कुम्हारों – मेघवालों के मोहल्ले में स्थित बाबा रामदेव मंदिर में हजारों दर्शकों की उपस्थिति में आयोजित किए गए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘आरोहण’ (Arohan) की एक से बढ़कर एक संदेशप्रद, खूबसूरत और मनलुभावन प्रस्तुतियों ने सभी दर्शकों को अचंभित कर दिया। प्रत्येक प्रस्तुति के बाद दर्शकों की दाद बढ चढ कर नन्हें कलाकारों का हौंसला बढाती रही। रोहिणीकांत, सदानंद, रणवीर, सुमित , प्रीतम, वैभव, आशीष, गुनगुन और कृष्णा द्वारा प्रस्तुत लघु नाटक ‘जय जगत’ ने विश्व बंधुत्व का सफल संदेश देते हुए माहौल को गंभीर कर दिया। इस प्रस्तुति के दौरान सैंकड़ों दर्शकों की आंखों से अश्रु निकल पड़े। प्रेप कक्षा की नन्ही छात्राओं अश्लेषा , कुमकुम, सीया, पूजा, कल्पना, साक्षी, द्वारा पेश आकर्षक राजस्थानी लोकनृत्य ने भी उपस्थित दर्शकों की खूब वाहवाही हासिल की। ‘आई एम फ्रोम इंडिया’ नृत्य की प्रस्तुति के माध्यम से नन्हे मुन्ने बच्चों ने भारत की विविध संस्कृतियों का परिचय देते हुए देश की अखंडता और एकता का प्रभावी संदेश दिया।

जब यूकेजी के नन्हे मुन्ने बच्चों ने ‘हम साथी हैं, हम वीर सिपाही हैं’ गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया तो सैकड़ों दर्शकों ने अपनी अपनी जगह पर खड़े होकर तालियों की गूंज और भारत माता के जयकारों से माहौल को गुंजायमान कर दिया। इसी प्रकार नर्सरी के बच्चों द्वारा प्रस्तुत ‘लकड़ी की काठी’ नृत्य पर भी दर्शकों ने बच्चों को खूब आशीर्वाद दिया। ‘बोलो हर हर’ नृत्य के स्टंट्स देखकर सभी दर्शकों की विस्मयकारी तालियों की गूंज होती रही। कालबेलिया नृत्य की भी सभी ने बहुत सराहना की। ‘बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ’ का संदेश  वंदना एंड ग्रुप ने बहुत ही बेहतरीन रूप से प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कोमल राजपुरोहित ने एकल गीत सुनाकर दाद पाई। प्रेप कक्षा की छात्राओं अश्लेषा व कुमकुम के फर्राटेदार अंग्रेजी स्पीच स्कूल की शैक्षिक गुणवत्ता की मिसाल देने में कामयाब रहा। लघु नाटिका ‘राम-रावण’ ने हास्य के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन के आदर्श अपनाने की सीख दी।   ‘ॐ नमः शिवाय’, ‘पापड़ वाले पंगा न ले’, ‘मौला मेरे ले ले मेरी जान’, ‘हां अंधेरा आज हम तो जीत लेंगे ‘, म्हारे गांव में म्हारे देश में’, ‘जय जय राजस्थान’, ‘सोचना क्या जो भी होगा देखा जाएगा’, ‘वंदेमातरम्’ इत्यादि नृत्यों की विस्मयकारी प्रस्तुतियों को देखने वाले प्रत्येक दर्शक ने भरपूर जोश के साथ बाल कलाकारों का हौंसला बढाया। विद्यापीठ के समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने बताया कि विभिन्न गतिविधियों में अव्वल रहने वाले 200 से अधिक और ‘आरोहण’ में प्रस्तुतियां देने वाले लगभग पौने दो सौ बच्चों को इस अवसर पर पुरस्कृत किया गया। दोनों स्कूलों के स्टाफ का सम्मान शॉल और स्मृति चिह्न भेंट कर किया गया। गिरिराज खैरीवाल ने स्कूल की गतिविधियों, उद्देश्यों, लक्ष्यों पर प्रकाश डाला तथा आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की। महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक रचना भाटिया, गंगाशहर थानाधिकारी सुभाष बिजारणिया, उद्योगपति नरेश चुघ, प्रसिद्ध ज्योतिषविद् प्रह्लाद ओझा ‘भैंरू’, वरिष्ठ समाजसेविका शशि चुघ, समाजसेवी कमल कल्ला, वरिष्ठ पत्रकार भगवानाराम सारस्वत, वरिष्ठ पत्रकार भवानी जोशी, सी ओ स्काउट जसवंत सिंह राजपुरोहित, समाजसेवी गोपीराम लोहिया, जवाहर मल मेघवाल, आसूराम मेघवाल, शिक्षाविद् दौलतराम सारस्वत, करनीदान कच्छावा, डॉ चंद्रशेखर श्रीमाली, शिवचरण जोशी, रमेश कुमार मोदी, घनश्याम साध, जगदीश ढाका, मनीष प्रजापत, किशन व्यास, नारायण आसेरी, नरपत सिंह बीठू, धर्मवीर स्वामी, योगेश पुरोहित, हनुमान छींपा, कृष्ण कुमार स्वामी, प्रभुदयाल गहलोत, सुंदरलाल रामावत, अशोक आचार्य, तरविंद्र सिंह कपूर, हरविंद्र सिंह कपूर, बालकिशन सोलंकी, रमेश बालेचा, श्रवण कुमार तिवारी, राकेश जोशी, जतन संचेती, सुरेंद्र प्रजापत, रामलाल बोथरा, मनीष बाफना, विशाल गहलोत, योगेश सांखला, जगमालसिंह, चंपालाल प्रजापत, रमेश राजपुरोहित, चतुर्भुज तिवाड़ी, रामनारायण उपाध्याय,  सहित अनेक गणमान्य जनों ने इस कार्यक्रम की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। रिया दूगड़ ने संचालन किया। भंवरी देवी ने आभार प्रकट किया।

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