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वैज्ञानिक पशुपालन से पशुपालक होंगे समृद्ध: विधायक कटारा

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हैलो बीकानेर,। वेटरनरी विश्वविद्यालय प्रषिक्षण एवं अनुसंधान केन्द्र डूंगरपुर में नए भवन का मंगलवार को विधिवत भूमि पूजन कर षिलान्यास किया गया। राज्य सरकार ने इसके लिए ग्राम पंचायत कच्छवासा में वेटरनरी विष्वविद्यालय को 12 बीघा भूमि का निःषुल्क आवंटन किया है। समारोह के मुख्य अतिथि डूंगरपुर के विधायक श्री देवेन्द्र कटारा थे। वेटरनरी विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर विधायक श्री कटारा ने कहा कि वेटरनरी विष्वविद्यालय का केन्द्र खुलने से आदिवासी क्षेत्र के लोगों को पषुपालन के माध्यम से रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। विष्वविद्यालय ने क्रांतिकारी कदम उठाकर डंूगरपुर जैसे आदिवासी क्षेत्र जहां बबूल की झाडियां और वनस्पति विहीन पहाड़ियों के बीच वैज्ञानिकता से पषुपालन का बीड़ा उठाया है, इससे क्षेत्र के लोगों का आर्थिक विकास होगा। राज्य का डूंगरपुर जिला एक दूरस्थ और आदिवासी क्षेत्र है जहां पषुपालन का विषेष महत्व है। वेटरनरी विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत ने कहा कि अब वैज्ञानिक पषुपालन का समय आ गया है। इससे हम अपने पषुधन को अधिक उपयोगी बनाकर उत्पादन भी बढ़ा सकते हैं। वेटरनरी विष्वविद्यालय के अभियंता शीघ्र ही यहां निर्माण कार्य शुरू कर एक भव्य केन्द्र का निर्माण करेंगे। इससे जिले के कृषकों और पषुपालकों को उन्नत पषुपालन तकनीकी और वैज्ञानिक रीति-नीति से पषुधन उत्पादन को बढ़ाने के लिए समुचित प्रषिक्षण की सुविधा इसी परिसर में मिलनी शुरू हो जायेगी। प्रारंम्भ में प्रसार षिक्षा निदेषक प्रो. आर.के. धूड़िया ने बताया कि इस केन्द्र में कृषक और पषुपालकों के लिए एक प्रषिक्षण हॉल, आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित प्रयोगषाला, व्याख्यान कक्ष, आवासीय सुविधा उपलब्ध हो सकगी। समारोह में वेटरनरी कॉलेज नवानियां के अधिष्ठाता प्रो. आर.के. नागदा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। विष्वविद्यालय के निदेषक भू संपति (कार्य) एम. राम सहित कपिल आनंद, रमेष जैन, आषीष आनंद और उपसरपंच बंषी जी भी समारोह में शामिल हुए।

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