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बीकानेर। भगवान श्रीगणेश का प्राकट्य दिवस गणेश चतुर्थी धर्मनगरी में श्रद्धा और उल्लास से मनाया जा रहा है। इस पावन अवसर पर प्रथमपूज्य देव को रिझाने के लिये श्रद्धालूओं ने अपने घरों-प्रतिष्ठानों और  मंदिरों में तेल, सिंदूर, मालीपाना आदि से पूजा-अर्चना कर मोदक का भोग लगाया गया। अलसुबह से भगवान श्रीगणेश के मंदिरों  में घंटे-घडिय़ाल की ध्वनि गूंजने लगी है।
माला 30 रुपए प्रति नग
गणेश चतुर्थी के अवसर पर मंदिर दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालूओं ने कहा की जो गेंदे की माला रोज 10 रुपए में मिलती थी वही माला आज माला विक्रेताओ दवरा 30 रुपए प्रति नग बेची जा रही है। माला विक्रेताओ से जब हैलो बीकानेर पूछा तो उन्होंने कहा स्टॉक नहीं होने के कारण पीछे से माला के भाव बढ़ गए है। कोटगेट व दाऊ जी रोड पर माला 30 रुपए में बेचीं जा रही थी।
श्रीगणेश चतुर्थी महोत्सव के मौके पर मंदिरों में हवन एवं प्रसाद विरतण का आयोजन भी किया गया। भक्तों की भीड़ को देखतें हुए मंदिर परिसर में की गई विशेष व्यवस्थाओं में एनसीसी कैडेटों की भी तैनाती की गई।  वहीं शहर के श्रीआदि गणेशजी, बड़ा गणेशजी, इक्कीसिया गणेश, गढ़ गणेश, मोहता धर्मशाला स्थित मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। वहीं शहर के सट्टा बाजार स्थित श्रीगणेश मंदिर में भी सोमवार को गणेश चतुर्थी पर पारम्परिक रूप से श्रीगणेश की प्रतिमा का सोने-चांदी के आभूषणों से श्रृंगार किया गया। मंदिर पुजारी शंकर सेवग ने बताया कि सुबह मंदिर में मंगल पूजा की गई। शुभ मुहूर्त में अभिषेक कर पूजा-अर्चना की गई। उन्होने बताया कि मंदिर में अल सुबह ही श्रद्धालूओं का आवागमन शुरू हो गया। इनके अलावा आदि गणेशजी, बड़ा गणेशजी, इक्कीसिया गणेश, गढ़ गणेश, मोहता धर्मशाला स्थित मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों हुए। वहीं नगर निगम और सामाजिक संगठनों की ओर से शहर के सभी गेटों पर विराजित श्रीगणेश भगवान की प्रतिभा का अभिषेक कर तेल सिंदूर और मालीपानी से श्रृंगार किया गया।

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