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केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली गुरुवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश किया। इस बजट में मोदी सरकार ने किसान, गरीब और बुजुर्गों का काफी ध्यान रखा है। वहीं, मिडिल क्लास की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। नौकरीपेशा लोगों को इस बजट में इनकम टैक्स में राहत की उम्मीद थी, लेकिन जेटली ने इसमें कोई छूट नहीं दी। हालांकि, उन्होंने सैलरीड क्लास के मौजूदा टैक्सेबल इनकम में से 40 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन कर दिया।  एक्साइज ड्यूटी घटने से पेट्रोल और डीजल के दाम भी कम हुए हैं। पेट्रोल-डीजल के दाम 2 रुपये कम होंगे।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किए ये ऐलान

आयकर दरों में कोई राहत नहीं
जेटली ने आयकर दरों में 2018-19 के लिए कोई राहत नहीं दी। जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा, सरकार ने बीते तीन सालों में लोगों पर लागू निजी आयकर दरों में बहुत से सकारात्मक बदलाव किए हैं। इसलिए मैं व्यक्तिगत आयकर दरों की संरचना में बदलाव करने का प्रस्ताव नहीं करता हूं। वेतनभोगी करदाताओं को राहत देने के क्रम में जेटली ने परिवहन भत्ता और विभिन्न चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति के संबंध में वर्तमान छूट के बदले 40,000 रुपये के मानक कटौती का प्रस्ताव दिया। जेटली ने 2017-18 के बजट में 2.5 लाख प्रतिवर्ष से पांच लाख रुपये प्रतिवर्ष की आयकर स्तर में आयकर 10 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी किया था।

किसानों पर मोदी सरकार मेहरबान
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश के किसानों के लिए बड़े तोहफे का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आगामी खरीद की फसलों को उत्पादन लागत से कम-से-कम डेढ़ गुना कीमत पर लेने का फैसला ले लिया है। टमाटर, आलू और प्याज जैसे सालोंभर प्रयोग में आने वाले खाद्य वस्तुओं के लिए ऑपरेशन फ्लड की तर्ज पर ऑपरेशन ग्रीन लॉन्च करने की घोषणा की गई है। इसके लिए सरकार ने 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। ऐसे पौधे जिनका दवाइयों में इस्तेमाल होता हो उनका भी सरकार उत्पादन बढ़ाने के लिए बढ़ावा देगी। जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। क्रेडिड कार्ड मछुआरों और पशुपालकों को भी मिलेगा। 42 मेगा फूड पार्क बनेगा। मछली पालन और पशुपालन के लिए 10 हजार करोड़ रुपये रखे जा रहे हैं। बांस की पैदावार बढ़ाने के लिए भी सरकार ने फंड मुहैया कराने की घोषणा की है।

मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत
घरेलू स्मार्टफोन निर्माताओं की मदद के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया। जेटली ने कहा, मोबाइल फोन के पुर्जो के आयात पर सीमा शुल्क मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे भारत के स्मार्टफोन क्षेत्र में नौकरियों में वृद्धि होगी। दिसंबर में सरकार ने मोबाइल फोन सहित विभिन्न उत्पादों पर सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया था।

भारत जल्द ही 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत अभी 2500 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था है और जल्द ही यह 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। जेटली ने केंद्रीय बजट 2018-19 को पेश करने के दौरान कहा, हम अभी 2500 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था हैं और हम जल्द ही आठ फीसदी से ज्यादा विकास दर हासिल करने के पथ पर हैं। जेटली ने कहा, हमारी सरकार व्यापार करने को आसान बनाने के साथ ही गरीबों और मध्य वर्ग के लोगों के लिए जीवनयापन आसान करने पर ध्यान दे रही है।

10 करोड़ गरीब परिवारों के लिए 5 लाख रुपये का हेल्थकवर
जेटली ने एक प्रमुख राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना की घोषणा की जिसके तहत देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये का हेल्थकवर दिया जाएगा। जेटली ने कहा, अब हम देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एक प्रमुख राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू कर रहे हैं। यह योजना लगभग 50 करोड़ लाभार्थियों को अस्पताल में द्वितीय एवं तृतीय दर्जे की देखभाल के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये प्रति वर्ष तक उपलब्ध कराएगी।

2022 तक सभी के पास सभी के पास घर
केंद्र सरकार राष्ट्रीय आवास बैंक के साथ मिलकर एक समर्पित किफायती आवास निधि बनाएगी। जेटली ने केंद्रीय बजट 2018-19 पेश करते हुए कहा, मेरी सरकार राष्ट्रीय आवास बैंक में एक समर्पित किफायती आवास निधि स्थापित करेगी, जिसे प्राथमिकता वाले क्षेत्र को दिए जाने वाले ऋण से धन मुहैया किया जाएगा। सरकार की योजना है कि 2022 तक सभी के पास अपना एक घर हो और इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मौजूदा और अगले वित्त वर्ष में ग्रामीण क्षेत्रों में एक करोड़ से अधिक घरों का निर्माण किया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में 37 लाख घरों के निर्माण के लिए निधियां आवंटित की गई हैं।

वरिष्ठ नागरिकों को राहत
बजट में बैंकों और डाकघरों में जमाराशियों पर ब्याज से हुई आमदनी पर छूट 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। धारा194ए के तहत टीडीएस काटने की आवश्यक्ता नहीं रह गई। सभी स्नष्ठह्य और क्रष्ठह्य से मिले ब्याज पर भी इसका लाभ मिलेगा। धारा 80डी के तहत स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम और/या इलाज पर खर्च के लिए टैक्स डिडक्शन की सीमा 30,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की गई। धारा 80डीडीबी के तहत कुछ विशेष गंभीर बीमारियों पर इलाज पर खर्च के लिए कटौती सीमा 60,000 रुपये (60 से 80 वर्ष की उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के मामले में) और 80,000 रुपये (80 वर्ष से अधिक उम्र के अति-वरिष्ठ नागरिकों के मामले में) से बढ़ाकर सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 लाख रुपये कर दी गई है। प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की अवधि मार्च 2020 तक बढ़ाने का प्रस्ताव। मौजूदा निवेश सीमा को प्रति वरिष्ठ नागरिक के लिए 7.5 लाख रुपये की मौजूदा सीमा से बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने का प्रस्ताव।

गांव और गरीबों के लिए कई ऐलान

सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयुष्मान भारत कार्यक्रम के लिए 1,200 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गया है। इसके अलावा टीबी को रोगियों को पोषक पदार्थ मुहैया कराने के लिए 600 करोड़ रुपये का आवंटन का प्रस्ताव है। सरकार 24 नए मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की स्थापना करेगी और जिला स्तरीय अस्पतालों को भी अपग्रेड किया जाएगा। उज्ज्वला योजना के तहत 5 करोड़ गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन दिया जा चुका है। अब इसका लक्ष्य बढ़ाकर 8 करोड़ कर दिया गया है। प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत बिना किसी शुल्क के 4 करोड़ घरों में बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 6 करोड़ शौचालय बनाए जा चुके हैं। अगले वित्त वर्ष में 2 करोड़ और शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार 2022 तक हर गरीब को घर मुहैया करना चाहती है। ग्रामीण क्षेत्र में इस वित्त वर्ष में 51 लाख घर बनाए जा रहे हैं और अगले साल के लिए भी इतने ही घरों का प्रस्ताव है। शहरी क्षेत्रों में 37 लाख मकान बने के प्रस्ताव स्वीकृत किए गए हैं।

छोटे-बड़े उद्योगों के लिए बड़ी घोषणा
वित्त मंत्री ने मुद्रा योजना के लिए 3 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि 2014 में सरकार संभालने के वक्त पीएम नरेंद्र मोदी के सामने रोजगार मुहैया कराना एक बहुत बड़ी चुनौती थी और सरकार ने इस दिशा में बड़े कदम उठाए हैं। लघु और मझोले उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने पिछली बार की तुलना में 20 फीसदी अधिक राशि मुद्रा योजना के लिए आवंटित करने की घोषणा की। पिछले साल यह रकम 2.44 लाख करोड़ थी। लघु उद्यमियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2015 में प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह योजना शुरू की थी। एसकेओसीएच (स््यह्रष्ट॥) के अनुसार, इस योजना से अब तक 5.5 करोड़ नौकरियों का सृजन हुआ है। औद्योगिक विकास वाले राज्यों को योजना का सबसे अधिक फायदा मिला है।

दलितों, जनजातियों के लिए धन आवंटन बढ़ा
जेटली ने गुरुवार को आम बजट पेश करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति (एससी) व अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए धन के आवंटन को बढ़ाकर क्रमश: 56,619 करोड़ रुपये व 39,135 करोड़ रुपये किया गया है। चुनावी बजट में दलितों व आदिवासियों की नाराजगी दूर करने का भरसक प्रयास करते हुए जेटली ने कहा, मैं 2018-19 के बजट में अनुसूचित जातियों के लिए 56,619 करोड़ रुपये व अनुसूचित जनजातियों के 39,135 करोड़ रुपये अलग से आवंटन करने का प्रस्ताव करता हूं। जेटली ने कहा कि यह आवंटन अनुसूचित जातियों के समुदाय के लिए 279 कार्यक्रमों के लिए और अनुसूचित जनजाति वर्ग के 305 कार्यक्रमों के लिए है।

महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए ऋण बढक़र 75,000 करोड़ रुपये होगा 
जेटली ने गुरुवार को कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए ऋण मार्च 2019 तक बढक़र 75,000 करोड़ रुपये हो जाएगा। जेटली ने आम बजट पेश करते हुए कहा, महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए ऋण 2016-17 में बढक़र लगभग 42,000 करोड़ रुपये हो गया था। पिछले साल की तुलना में इसमें 37 फीसदी का इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा, सरकार आश्वस्त है कि स्वयं सहायता समूहों के लिए ऋण मार्च 2019 तक बढक़र 75,000 करोड़ रुपये हो जाएगा। उन्होंने 2018-19 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए आवंटन राशि बढ़ाकर 5,750 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा।

टीबी रोगियों के लिए 600 करोड़ रुपये आवंटित
जेटली ने देश में टीबी से पीडि़त रोगियों की पोषण संबंधी सहायता के लिए 600 करोड़ रुपये आवंटित किए। उन्होंने कहा, देश में जिन भी टीबी रोगियों का इलाज चल रहा है, उन्हें 500 रुपये दिए जाएंगे। सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में 24 नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों की घोषणा भी की।

अनुसूचित बहुल्य क्षेत्रों में 2022 तक एकलव्य मॉडल स्कूल खुलेंगे 
जेटली ने कहा कि नवोदय स्कूलों की तर्ज पर 2022 तक अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए एकलव्य स्कूलों की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि 50 फीसदी से अधिक जनजाति वाले क्षेत्रों और 20,000 आदिवासी लोगों वाले प्रत्येक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की स्थापना की जाएगी। जेटली ने बजट पेश करते हुए कहा कि यह विद्यालय नवोदय विद्यालयों का हिस्सा होंगे और यहां खेल और कौशल विकास में प्रशिक्षण देने के अलावा स्थानीय कला और संस्कृति के संरक्षण की भी विशेष सुविधाएं होंगी।

सभी व्यापारिक उद्यमों को विशिष्ट आईडी दी जाएगी 

जेटली ने कहा कि सभी छोटे या बड़े व्यापारिक उद्यमों को आधार की तर्ज पर एक विशिष्ट पहचान पत्र दिया जाएगा। जेटली ने कहा, आधार ने सभी भारतीयों को पहचान दी है। आधार ने कई सार्वजनिक सेवाओं तक लोगों की पहुंच आसान बनाई है। सभी उद्यमों फिर चाहे वह छोटा या बड़ा हो, उसे विशिष्ट पहचान की जरूरत है। उन्होंने कहा,सरकार भारत के प्रत्येक उद्यमियों को एक विशिष्ट आईडी मुहैया कराने की योजना में लगी हुई है।

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपालों के वेतन में वृद्धि
जेटली ने गुरुवार को वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का वेतन बढ़ाकर पांच लाख रुपये, उपराष्ट्रपति का चार लाख रुपये और राज्यों के राज्यपालों का वेतन बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये किया जाएगा।

हर 5 साल में अपने आप बढ़ेगा सांसदों का वेतन
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सासंदों की मांग को स्वीकार करते हुए कहा कि उनका वेतन हर पांच साल में मुद्रास्फीति के अनुरूप अपने आप बढ़ा दिया जाएगा। जेटली ने कहा, सांसदों को मिलने वाली आय-भत्तों को लेकर सार्वजनिक स्तर पर काफी बहस हो रही है। वर्तमान प्रणाली सांसदों को अपनी परिलब्धियां तय करने की अनुमति देती है जिसकी आलोचना हो रही है। इस कारण मैं संसद सदस्यों के वेतन, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता और देय अन्य खर्च के लिए कुछ जरूरी बदलाव प्रस्तावित कर रहा हूं जो एक अप्रैल, 2018 से प्रभावी होगा। साभार : खास खबर डॉट कॉम

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