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रतनगढ, हेमन्त पीपलवा। प्रभु की लिला तो अपार है संसार की सभी गतिविधियां प्रभु की लिला का ही स्वरूप है। उक्त धर्म प्रवचन वृन्दावनवासी भागवताचार्य पं. गोविन्द किशोर पांडेय ने गिगजी चौक पर स्थित गिगराज मन्दिर मे आयोजित सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में छठे दिवस रविवार को धर्म प्रेमियो को दिया। पं. पांडेय ने कहा कि मानव व जीव के जीवन काल मे घटने वाली प्रत्येक घटना का सम्बंध प्रभु की लिला से ही जुङा हुआ है। जिस प्रकार कटपुतली का खेल दिखाने वाला अपनी कटपुतलीयो को अपने मन के मुताबिक गतिमान कर सकता है उसी प्रकार वेकुण्ठ मे विराजने वाला प्रभु हम मानव रूपी कटपुतलीयो को अपनी इच्छा अनुसार चला सकता है। मानव व जीव का सम्पूर्ण नियंत्रण प्रभु के हाथो मे है। उन्होने श्रीकृष्ण की बाल लिलाओ का विस्तार से वर्णन करते हुए बालक श्रीकृष्ण का अपनी माता को मुख मे ब्रहमाण्ड का साकार कराने की लिला भी प्रभु की लिला है। भगवान श्रीकृष्ण ने राजा कंस को अपना विराट व प्रचंड तेज युक्त विशाल रूप दिखाकर वध किया। मुख्य यजमान ओमप्रकाश सारस्वत, धन्नाराम सोनी दम्पती द्वारा श्रीमदभागवत पुराण की पूजा अर्चना के साथ शुरू हुई कथा मे पं. पांडेय ने छठे दिवस की कथा मे कृष्ण लिला, गजेन्द्र मोक्ष, मथुरा गमन, शिशुपाल वध, कंस वध, श्रीकृष्ण रूकमणी विवाह आदि अनेक भागवत कथाओ का विस्तार से वर्णन किया। कथा के दौरान श्रीकृष्ण रूकमणी के विवाह की मनमोहक झांकी सजाई गई। मन्दिर पुजारी शंभू सारस्वत ने आगन्तुक धर्मप्रेमियो का धन्यवाद ज्ञापित किया। कथा मे अनेक मोहल्लेवासी व मातृशक्तियो ने कथा का रसपान किया।

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