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हैलो बीकानेर, जयनारायण बीस्सा । हाईकोर्ट से केस जीतने वाले 21 संविदा कार्मिकों को पुन: नौकरी नहीं देने से आक्राशित युवाओं ने सोमवार को पीबीएम अधीक्षक के सामने अद्र्वनग्न प्रदर्शन कि या। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पीबीएम प्रशासन हाईकोर्ट के आदेश के प्रति भी उदासीनता बरत रहा है। प्रदर्शनकारी भवानीशंकर पारीक ने बताया कि मेडिकल क ॉलेज ने कोर्ट के आदेशों को हवा में उड़ा रहे है। जिसके चलते संविदा पर लगे 21 कार्मिक नौकरी के लिये दर दर की ठोकरे खा रहे है। अरविन्द सिंह बडगुजर ने बताया कि उन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में सिविल रिट पीटीशन संख्या 12246 लगाई। जिसमें उनके साथ 20 अन्य कम्प्यूटर ऑपरेटर भी शामिल थे। इन्होनें प्रार्थना पत्र में प्लेसमेंट एजेन्सी की बजाय इन्हें मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से संविदा पर रखने के आदेश दिए। जब मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेशों को नजरअंदाज किया तो संविदा पर कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों ने अतिरिक्त संभागीय आयुक्त से गुहार लगाई, जिस पर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ने भी कॉलेज प्रशासन को हाईकोर्ट के आदेश की अनुपालना करने का पत्र लिखा था। परन्तु मेडिकल कॉलेज न तो हाईकोर्ट के आदेशों को और न ही अतिरिक्त स ंभागीय आयुक्त के आदेश को मान रहे है। जिसके चलते ये कम्प्यूटर संविदा कार्मिक रोजगार की आस में भटक रहे है। सिंह ने बताया कि इस बारे में कॉलेज प्रिसिंपल को अनेक बार अवगत करवाया। लेकिन वे टालमटोल कर रहे हे। प्रदर्शन करने वालों में अरविन्द सिंह बडगुजर,प्रवीण पंचारिया,दाउलाल व्यास,मो नदीम खां,जितेन्द्र गहलोत,फि रोज गौरी,राजेश सागर,उमाशंकर व्यास,भवानीशंकर पारीक,राजेश भाटी,सुनील पंवार,अरूण कुमार,आशा खत्री,श्रवण सिंह,अजय कुमार,पंकज जोशी,राहुल भाटी,अमित शर्मा,किशोर कल्ला,गजेन्द्र सिंह शामिल थे।

न्यायालय के आदेश भी हवा

मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने राजस्थान उच्च न्यायालय पीठ जयपुर के उस आदेशों को भी धता बता दिया जिसमें राज्य सरकार ने प्लेसमेंट एजेन्सी के जरिये चिकित्सा विभाग में कम्प्यूटर ऑपरेटर नहीं रखने को कहा था। लेकिन कॉलेज प्रशासन अब भी प्लेसमेंट एजेन्सी के जरिये ही संविदाकर्मियों और ठेके पर रख रही है।

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