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अयोध्या। मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर सुर्खियों में रहने वाली अयोध्या के पास स्थित मुमताज नगर की रामलीला में मुस्लिम युवक भी किरदार निभा रहे हैं। यही नहीं, रामलीला के आयोजक उसी गांव के प्रधान जकी अहमद हैं। श्री अहमद 90के दशक से रामलीला आयोजन समिति के प्रबंधक हैं। उन्होंने उस वर्ष भी बेहतरीन रामलीला का आयोजन कराया था जब 1992 में विवादित ढांचा ध्वस्त हो गया था। साम्प्रदायिक उन्माद का माहौल था, लेकिन श्री अहमद ने इस सबकी परवाह किये बगैर रामलीला के आयोजन को जारी रखा। इस वर्ष की रामलीला में मोहम्मद सैफ और माेहम्मद कैफ नाम के दो जुड़वा भाई नल, नील की भूमिका निभा रहे हैं। दोनों ही स्थानीय भाषा अवधी में कहते हैं, “काहे का हिन्दू काहे का मुसलमान, हमका नीक लागत्थय है तौ हम रामलीला मा काम करित्थय है।” 


मोहम्मद कैफ का कहना है कि वह दो-तीन वर्षो से रामलीला में विभिन्न किरदार निभा रहा है, आगे जरुरत पड़ी तो अन्य भूमिकाओं में नजर आऊंगा। रामलीला में काम करके उसे अच्छा लगता है। इससे हमारे गांव की नयी पीढी के बच्चों में अच्छा संदेश जा रहा है। मंदिर-मस्जिद जैसे मुद्दे भी उन लोगों को एक दूसरे से दूर नहीं कर सकते। जकी अहमद ने कहा कि शुरुआती दौर में उन्हें अपने लोगों की आलोचना सुननी पड़ी लेकिन अब वही लोग रामलीला के आयोजन में आगे आकर सहयोग दे रहे हैं। उन्हें लगा होगा कि जब एक जगह ही रहना है तो मिल जुल कर क्यों न रहा जाय।
नरेन्द्र 

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