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चंडीगढ़।  हरियाणा में जाटों सहित छह जातियों को आरक्षण के मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय आज फैसला सुनाएगा। उधर हाल ही में डेरा प्रकरण तथा इससे पूर्व जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई बड़े पैमाने पर हुई हिंसा,आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं से सबक लेते हुये राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये अत्यधिक चौकसी बरत रही है। स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उच्च स्तरीय बैठक करके स्थिति तथा सुरक्षा बंदोबस्त की समीक्षा की है और प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिये हैं। मुख्य सचिव डी.एस. ढेसी. गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव रामनिवास तथा पुलिस महानिदेशक बी.एस. संधू ने भी सभी जिला उपायुक्तों, मंडलायुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों, आयुक्तों और अधीक्षकों को निर्देश जारी करके हर सूरत में कानून व्यवस्था बनाये रखने तथा कोई भी चूक न होने देने को कहा है। उधर डेरा प्रकरण के बाद राज्य के विभिन्न जिलों में तैनात की गयी अर्द्ध सुरक्षा बलों की 100 से अधिक कम्पनियों को भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिये तैयार रखा गया है। राज्य में सभी थानों को अलर्ट किया गया है। उल्लेखनीय है कि फरवरी 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा,आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं से बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ था। इन घटनाओं में 31 लोग मारे गये थे।

 

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