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जी भर जी लो, होली आयी

 Photo Click By Rahul Vyas

Special Thanks : Harmanpreet

रश्मि – रथ सवार होकर
संग ‘प्रेम – रंग’ फुहार लायी,
खेलो खिलाओ होली आयी
जी भर जी लो, होली आयी ।
द्वेष, कलेश, कुंठा तज कर
ऊंच – नीच के भेद को तोड़,
चंग, मंझीरे, मुरली लेकर
मस्तानी टोली गली हर मोड़।
सा रे गा, तक-धिन के संग
बंद दरवाज़े दिल के खोल,
मीठे – मीठे, सरस – सलील
मन से निकले निर्मल बोल।
खस – चंदन इत्र फुहार देकर
हाथ गुलाल, गाल पर मलना,
स्नेह भरी मुस्कान देकर
गागर में ज्यों सागर भरना।

– चंद्रशेखर जोशी “आज़ाद”

 

 

 

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