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पत्रकार कमलेश शर्मा की कलम से स्पेशल रिपोर्ट
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हैलो बीकानेर । लोगों के मन में आज पुलिस को लेकर कई प्रकार की गलत धारणाएं बैठी हुई है। हर बार जनता किसी न किसी मामले में पुलिस को भी गलत ठहराती है लेकिन क्या पर्दे के पीछे भी पुलिस ही गलत है या फिर किसी दूसरे का हाथ है यह जनता कभी नहीं जान पाती और यही कारण है की जनता पुलिस को ही हमेशा गलत ठहराती है। लेकिन जब बात शहर के सुलगने की हो या फिर दंगों की हो तो यह पुलिस ही अपनी जान पर खेलकर इसको रोकने का प्रयास करती है और समय आने पर अपराधियों में खूब डालने का काम ही करती है लेकिन विडंबना इस बात की है कि अपराधियों के इस खौफ को तथा पुलिस के इस कार्य को देश के सफेदपोश नेता अपने वोट बैंक की राजनीति में टिकने नहीं देते हैं और पुलिस महकमे को ही बलि का बकरा बना कर अपराध में लिप्त आरोपियों को खुश रखने का प्रयास करते हैं आज ऐसा ही कुछ आने वाले चंद दिनों में सोनू शहर साबित करने जा रहा है कि अपराधियों को पकड़ने की हिम्मत करने वाला एसीपी दिनेश शर्मा अब चोमू शहर में नहीं रहेंगे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुख्यात अपराधी के परिजन को शहर में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए एसीपी दिनेश शर्मा ने धर दबोचा था जिसके परिणाम स्वरुप अब उनके ट्रांसफर की कवायद शुरू हो गई है और महज चंद दिनों में उन्हें चोमू शहर छोड़ कर जाना होगा मामला यूं था कि चौमू शहर में पिछले दिनों एक मामले को लेकर शहर में तनाव की स्थिति मौजूद हो गई थी, अपराधियों के बार बार कृत्य से परेशान हजारों लोग न्याय के लिए सडकों पर उतर आए थे। बेकाबू भीड़ अनियंत्रित नजर आ रही थी।

 

ऐसे में भीड़ के बीच चौमू एसीपी दिनेश शर्मा ने जाकर उनसे समझाइश की बात ही नहीं कि ब्लकि भीड़ को शांत कर शहर को दंगों की लपटों से भी बचाने का काम किया, वहीं दूसरी ओर भारी संख्या में तैयार हो रहे धरने को जयपुर पश्चिम के डी सी पी अशोक कुमार गुप्ता ने बड़ी सुझबुझ से टाल कर शहर में एक बार फिर शांति व्यवस्था कायम की। वहीं जनता से किए आरोपियों को गिरफ्तार करने के वादे को भी एसीपी ने बखूबी निभा कर जनता के दिलो में विश्वास व अपराधियों के दिमाग में डर डालने का काम किया।

 

लेकिन विडंबना इस बात की रही की शहर में शांति कायम रख अपराधियों में खौफ पैदा करने वाले इस एसीपी को क्षेत्र के जनप्रतिनिधियो ने अपनी वोट बैंक को बढ़ावा देने के लिए बलि के रूप में काम में लेने के लग रहे हैं। क्योंकि वही दुसरी ओर पकडे गए अपराधियों के अपराधों में लिप्त कुछ परिजनों ने अपनो को बचाने के लिए एसीपी दिनेश शर्मा के खिलाफ साजिश रचनी शुरू कर दी। ओर चंद वोटो के लोभ में राजनीति दांव पेच लगा कर चौमू एसीपी का शहर से जाना लगभग सुनिश्चित कर दिया।

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