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हैलो बीकानेर,। बीकानेर की युवा कवयित्री-कथाकार डाॅ. मेघना शर्मा के नए काव्य संग्रह “रफ़ू की हुई ज़िदगी ” का लोकार्पण उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने आज तड़के अपने निवास पर किया व मेघना को इसी तरह निरंतर सृजन कर्म के माध्यम से नारी के अनछुए पहलुओं को अपनी लेखनी के जरिए उजागर करने के प्रति प्रतिबद्ध रहने की जरूरत पर बल दिया । स्त्री विमर्श, संघर्ष और जीवन के प्रति जिजीविषा पर आधारित कविताओं के इस संग्रह पर ख्यात साहित्यकार नंद भारद्वाज ने लिखा कि इस संग्रह की कविताऐं जहाँ एक ओर अपने समय और समाज को लेकर बहुत कुछ नवीन और विचारणीय कहने का सलीका रखती हैं तो वहीं वर्तमान समाज व्यवस्था में स्त्री की जकड़बंदी को लेकर उनके भीतर गहरी छटपटाहट है किंतु फिर भी जीवन के प्रति सकारात्मक भाव मेघना की रचनाशीलता को प्रभावशाली बनाता है। विकास प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस संग्रह में तीन खंडों में इकसठ कविताएँ शामिल हैं जो नारी जीवन की तह में जाकर उसकी पीडाओं और त्रासनाओं से गुफ्तगू करते हुए भी अंत में विजयश्री का उदघोष करती हैं। साहित्य के ध्रुव अशोक बाजपेई ने जहाँ मेघना के रचनाकर्म को भविष्य के प्रति आश्वस्त करने वाला बताया तो ज्योतिष जोशी ने रचनाओं की संवेदनात्मक सघनता, उर्रजस्वित प्रखरता और अर्थपूर्ण बिम्बमयता का उल्लेख किया ।

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साहित्य अकादमी पुरस्कृत मधु आचार्य “आशावादी” ने मेघना को साहित्य में एक सशक्त हस्ताक्षर बताते हुए उनके रचनाकर्म को भविष्य का बडा संकेत बताया तो दुनिया इन दिनों के संपादक सुधीर सक्सेना ने मेघना की रचनाओं को सरल, सहज और निश्छल मन की नैसर्गिक अभिव्यक्ति बताया। बुलाकी शर्मा ने कहा कि रचनाओं में स्त्री की स्वतंत्र अस्मिता है जो पुरूष के साथ कदम से कदम मिलाकर नहीं वरन उससे भी आगे कदम बढ़ाने की क्षमता रखती है।

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