मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद सामने आईं महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान आया सामने

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद सामने आईं महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान आया सामने

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बीजेपी के गठबंधन तोड़ने पर क्या बोली महबूबा मुफ़्ती

राज्यपाल को अपना इस्तीफा भेजने के बाद जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भाजपा के साथ उन्होंने जम्मू कश्मीर को लोगों के मुश्किल से निकालने के लिए हाथ मिलाया था क्योंकि भाजपा बड़ी ताकत है। हमारे गठबंधन का मकसद कश्मीर में लोगों के साथ बातचीत और पाकिस्तान के साथ अच्छा रिश्ता रहे। उन्होंने कहा कि हमने धारा 370 को बचाया और सूबे के बच्चों से काफी मुकदमें भी हटवाए, ये ही हमारा एजेंडा था और हम उसमें कामयाब रहे।

पावर के लिए नहीं मिलाया था भाजपा से हाथ: महबूबा मुफ्ती

महबूबा ने कहा कि हमने जम्मू में गौरक्षा और रासना केस को अच्छे से डील किया और पूरे सूबे को बांधकर रखा। उन्होंने कहा कि हमने काफी काम किए और इस बात का उन्हें इत्मीनान है। हमारा जो एजेंडा ता उस पर चले और आगे भी चलते रहेंगे। महबूबा ने कहा कि पाक से अच्छा रिश्ता, सीजफायर, 370 को बचाना, युवाओं से मुकदमें हटाना हमारा एजेंडा था और उसमें हम कामयाब रहे। महबूबा ने कहा कि हम पावर के लिए नहीं बल्कि कश्मीर में शान्ति के लिए भाजपा के साथ गए थे।

कश्मीर में बाहुबल नहीं बातचीत ही हल

महबूबा ने कहा कि हमने एक विरोध के बावजूद भाजपा के साथ सरकार बनाई क्योंकि हम चाहते हैं कि राज्य के लोगों से बातचीत हो। उन्होंने कहा कि कश्मीर में ताकत से हल नहीं हो सकता, यहां बातचीत ही हल है और हम हमेशा बातचीत के ही हक में रहे हैं। बता दें कि मंगलवार दोपहर भाजपा ने पीडीपी से समर्थन वापसी का एलान किया, जिसके बाद मुफ्ती सरकार अल्पमत में आ गई। जम्मू कश्मीर सरकार से भाजपा के हटने के बाद राज्य सरकार से भाजपा के हटने के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के पद से इस्तीफा दे दिया। जम्मू कश्मीर की सीएम ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को भेज दिया है। जम्मू कश्मीर में भाजपा और पीडीपी बीते साढ़े तीन साल से साथ में सरकार में थे।

राम माधव ने किया अलग होने का एलान

राम माधव ने मंगलवार को कहा कि केंद्र ने लगातार राज्य सरकार को समर्थन दिया, 80 हजार करोड़ का पैकेज भी दिया, लेकिन राज्य सरकार ने हालात को संभाला नहीं। माधव ने कहा कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती कश्मीर घाटी में परिस्थितियों को संभाल नहीं पाई, सरकार लगातार फेल रही। सरकार ने काम नहीं किया। ऐसे में तीन साल की सरकार चलाने के बाद भाजपा ने पीडीपी से अलग होने का फैसला किया है।

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