Share

बीकानेर के करण राज भाटी मेरिट में रहे अव्वल भीलवाड़ा के मुकेश यादव द्वितीय व चित्तौड़गढ़ के अजय कुमार सैन तृतीय स्थान पर

हैलो बीकानेर,रामसहाय हर्ष । वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा बी.वी.एस.सी. और ए.एच. स्नातक में प्रवेश के लिए आयोजित राजस्थान प्री-वेटरनरी टेस्ट-2017 (आर.पी.वी.टी.) का परीक्षा परिणाम मंगलवार को प्रातः 11 बजे कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत ने जारी किया। उन्होंने ऑन लाइन बटन दबाकर परिणाम जारी किया जिससे अभ्यार्थियों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट ूूूण्तंरनअंेण्वतह पर हाथों-हाथ परीक्षा परिणाम देखने को मिल गया। कुलपति प्रो. गहलोत ने बताया कि वी.सी.आई. के निर्देशानुसार 30 सितम्बर 2017 तक सभी प्रकार की काउंसलिंग द्वारा प्रवेश का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। आर.पी.वी.टी. समन्वयक प्रो. हेमन्त दाधीच ने बताया कि आर.पी.वी.टी. की मेरिट सूची में बीकानेर के करणराज भाटी ने 708 अंकों में से सर्वाधिक 658 अंक प्राप्त करके मेरिट में पहला स्थान प्राप्त किया है। भीलवाड़ा के मुकेश यादव ने 639 अंक लेकर दूसरा और चित्तौड़गढ़ के अजय कुमार सैन ने 638 अंक प्राप्त कर मेरिट में तीसरा स्थान बनाया है। उन्होंने बताया कि प्रथम दस स्थानों की मेरिट में बीकानेर के तीन अभ्यार्थियों ने कामयाबी हासिल की है। मेरिट में चौथे स्थान पर जैसलमेर के भोमाराम और नागौर के अनिल बिश्नोई रहे जिनके 633 समान प्राप्तांक हैं। पांचवें स्थान पर कोटा के पवन कुमार धाकड़ (प्राप्तांक 628) और छठे स्थान पर जयपुर के हितेष कुमार शर्मा (प्राप्तांक 626) रहे। सातवें स्थान पर 618 समान अंक प्राप्त करने वाले बीकानेर के सौरभ कुमार सारस्वत और अम्बादान के साथ जोधपुर के हरीश कुमार रहे हैं। मेरिट में आठवें स्थान पर जयपुर के ग्यारसी लाल यादव और जोधपुर की परमेश्वरी पटेल (समान प्राप्तांक 617) रहे हैं। नवें स्थान पर समान 616 अंक प्राप्त करने वाले जयपुर के रवि प्रधान और हनुमानगढ़ के मनोज कुमार आए हैं। दसवें स्थान की मेरिट पर धौलपुर के अमित सिंह और पाली के दिनेश कुमार रहे हैं जिनके समान प्राप्तांक 614 हैं। इस अवसर पर वेटरनरी कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. जी.एस. मनोहर, अनुसंधान निदेशक प्रो. राकेश राव, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एस.सी. गोस्वामी, प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. आर.के. धूड़िया, पी.एम.ई. निदेशक प्रो. आर.के. सिंह, पूल ऑफीसर प्रो. विजय चौधरी और आई.यू.एम.एस. के प्रभारी डॉ. अशोक डांगी मौजूद थे।

About The Author

Share

You cannot copy content of this page