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हैलो बीकानेर । जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के गच्छाधिपति आचार्यश्री जिनमणि प्रभ सूरिश्वरजी म.सा. की दूसरी 15 दिवसीय सूरिमंत्र साधना की पूर्णाहुति पररविवार को को सुबह नौ बजे बागड़ी मोहल्ला की ढढ्ढा कोटड़ी में महामांगलिक कार्यक्रमहोगा। कार्यक्रम में देश के विभिन्न इलाकों से श्रावक- श्राविका व विशिष्टजन शामिल होनेके लिए बीकानेर पहुंचने शुरू हो गए हैं।

जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ श्री संघ के अध्यक्ष पन्नालाल खजांची ने बताया कि 8अक्टूबर जो विशेष जाप व हवन आदि के आयोजन होंगे।  महामांगलिक कार्यक्रम में बडीसंख्या में श्रावक-श्राविकाओं के आने के कारण संघ के साथ सहयोगी संस्था श्री अखिलभारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की युवा शाखा सहित अनेक संस्थाओं पदाधिकारी वसदस्य विभिन्न व्यवस्थाओं को सुचारू बनाने के लिए तैयारियों में जुट गए हैं।

खजांची ने बताया कि समारोह में आचार्यश्री व मातृ शक्ति की सम्पूर्णहस्ताक्षर,वीरायतन संस्थान की प्रमुख साध्वीश्री चंदनाजी महाराज, उपाध्यक्ष साध्वीश्रीयशाजी महाराज के सान्निध्य में होने वाले समारोह में  मुख्य अतिथि पुलिस महानिरीक्षकराजीव दासोत, प्रमुख अतिथि फोर्ड मोटर्स के चैयरमैन व वीरायतन के अध्यक्ष डॉ.अभयफिरोदिया, मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री पारस जैन के अलावा अनेक औद्योगिक, जैनसमाज व संघ की प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी।

वीरायतन के महासचिव मुंबई मूल के बीकानेर प्रवासी तन सुख राज डागा नेबताया कि महामांगलिक कार्यक्रम में टी.टी. बनियान के प्रमुख रिखब चंद जैन, जैनश्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के पदाधिकारी, खरतरगच्छ युवक परिषद के राष्ट्रीयपदाधिकारी सहित देश के विभिन्न इलाकों से श्रावक-श्राविकाएं पहुंचेंगे। साध्वीश्री चंदनाजीमहाराज विमान से मुंबई, दिल्ली होते हुए बीकानेर पहुंचेगी वहीं फोर्ड मोटर्स के चैयरमैन ववीरायतन के अध्यक्ष डॉ.अभय फिरोदिया विशेष चार्टर विमान से चैन्नई से बीकानेरपहुंचेंगे।

चंदनाजी महाराज का परिचय-महाराष्ट्र के कटारिया परिवार में 26 जनवरी 1937 को जन्मीचंदनाजी महाराज जैन धर्म के 2600 वर्ष के इतिहास में आचार्य बनने वाली पहली महिला र्है। चंदनाजी जैन धर्म में पहली ऐसी संत है जिन्होंने जैन परम्परा को सेवा का नया मार्गदिखाया। इन्होंने सेवा का व्यवहारिक मार्ग अपनाया और लोगों में संदेश दिया कि सेवा भीमुक्ति का अहम मार्ग है। इनका मुख्य सूत्र है ’’मुस्कान से मोक्ष’ । आचार्यश्री चंदनाजीअशिक्षा, अज्ञानता और विषमताओं के निवारण के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहीं हैं।चंदनाजी के सान्निध्य में देश-विदेश में अनेक स्कूल, चिकित्सालय, सेवाश्रम सहितविभिन्न प्रकल्प संचालित किए जा रहे हैं। नारी शक्ति व मातृशक्ति के सर्वोपरि उदाहरणोंमें शामिल, ’’जन सेवा ही परमात्मा की सेवा है’’ का संदेश देने वाली चंदना के कार्यों कीप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अनेक राजनीतिक हस्तियों ने तारीफ की है।

      चंदनाजी महाराज व वीरायतन को समाज सेवा एवं विकास कायों को दुनिया भर कीसंस्थाओं ने समय-समय पर सम्मानित करने का कार्य किया है। इनको जन सेवा अवार्ड,संत बालजी अवार्ड महावीर फाउंडेशन अवार्ड, सन् 2000 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने इन्हेंमिलेनियम वर्ल्ड पीस सम्मिट में जैन समाज के प्रतिनिधि के तौर पर सम्मानित किया।सन् 2002 में भारत सरकार के द्वारा देवी अहिल्या नेशनल अवार्ड दिया गया। वर्ष 2004 मेंवूमैन ऑफ द इयर अवार्ड, पूज्य संतश्री जयंती मुनिजी महाराज द्वारा 2012 में विश्वविभूति अवार्ड, वर्ष 2013 में  सी वोटर सर्वे में नारी शक्ति सम्मान दिया गया। चंदनाजी को2016 में एशिया पोस्ट सर्वे में प्रभावशाली व्यक्तित्व की सूची में शामिल किया गया।

      डागा ने बताया चंदनाजी के सान्निध्य में संचालित वीरायतन, एक ऐसा नाम जिसनेमहज 40-42 वर्षों के छोटे से अंतराल में ऐसा मुकाम हासिल किया है जो बड़े-बड़े संस्थानों केलिए लगभग असंभव है। वीरायतन का मुख्यालय राजगीर, बिहार है। डागा ने बताया कि’वीरायतन’ का अर्थ है महा’वीर’ भगवान की पवित्र भूमि और उनके आदर्शों को कार्य रूपदेने वाला स्थान या ’’आयतन’’’ । इस संस्था की परिकल्पना उपाध्याय श्री अमर मुनिजीने की है और यह आचार्यश्री चंदनाजी की कर्म स्थली है। वीरायतन में भगवान महावीर केसिद्धान्त व आदर्शों को मानने वाली अनेक नामी हस्तियां शामिल है। वीरायतन के माध्यमसे राजगीर में नेत्र ज्योति सेवा ंमंदिरम, पावापुरी में विद्यालय, शिक्षण प्रशिक्षण केन्द्र,भगवान महावीर की जन्मभूमि माने जाने वाले जमुई के लछुवार ग्राम में स्कूल,जखानिया, हरिपार, रुद्राणी, पुडाई

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