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राजुवास में प्रबंध मंडल की बैठक सम्पन्न

नवानियां बनेगा राजुवास का साउथ कैम्पस

वेटरनरी विश्वविद्यालय में स्थापित होगा 100 किलोवाट का सौर ऊर्जा संयंत्र

फोटो राजेश छंगाणी
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बीकानेर,। वेटरनरी विष्वविद्यालय की प्रबंध मण्डल की 17वीं बैठक कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित की गई। बैठक में राजुवास के कर्मचारियों को कई सौगातें प्रदान कर वल्लभनगर (उदयपुर) स्थित राजुवास परिसर को विश्वविद्यालय का ’दक्षिणी परिसर’ घोषित करने के निर्णय को मंजूरी दी गई। कुलपति प्रो. गहलोत ने बताया कि वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोत का “सौर ऊर्जा केन्द्र“ राजुवास के बीकानेर परिसर में स्थापित किया जाएगा। 100 के.वी.ए. विद्युत क्षमता स्टेशन पर 80 लाख रू. राशि की लागत आएगी, केन्द्रीय नवीन और नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा इस पर अनुदान प्रदान किया जाएगा। कुलपति प्रो. गहलोत ने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से कार्यरत सभी शैक्षणिक व अशैक्षणिक कर्मचारी अधिकारियों के परिवीक्षाकाल को पूरा करने पर नियमित करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। राजुवास के अशैक्षणिक कर्मचारियों की वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन करके कुलपति चल वैजयन्ती शील्ड दिए जाने का निर्णय किया गया। अशैक्षणिक कर्मचारियों के लिए बाह्य शैक्षणिक भ्रमण आयोजन को भी बोम ने मंजूरी दी। अनुभाग और सहायक लेखा अधिकारियों के लिए 50 प्रतिशत पदोन्नति कोटे की स्वीकृति प्रदान कर कर्मचारियों के पदोन्नति अवसरों की राह आसान की गई है। विश्वविद्यालय के अशैक्षणिक व तकनीकी कर्मचारियों के रिक्त पदोन्नति पदों पर एक बार 1 साल के लिए अनुभव में छूट प्रदान करने का निर्णय किया गया। वेटरनरी विश्वविद्यालय में क्लिनिकल विभागों में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारियों को वित्त विभाग के आदेशानुसार प्रतिमाह हार्ड ड्यूटी भत्ता स्वीकृत किए जाने को मंजूरी दी गई। प्रबंध मंडल ने राजुवास बीकानेर में सामुदायिक रेडियो सेवाओं के साथ ही सूरतगढ़ में भी ऐसा ही रेडियो सेवा केन्द्र शुरू करने का प्रस्ताव तैयार करने का भी निर्णय किया। बोम के सदस्य और सूरतगढ़ के विधायक राजेन्द्र सिंह भादू ने यह प्रस्ताव रखा। कुलपति प्रो. गहलोत ने बताया कि देशी गौवंश में सबसे ज्यादा ए-2 दुग्ध की स्वास्थ्य वर्द्धक क्षमता के मद्देनजर राज्य के गौवंश का संवर्द्धन किया जा रहा है तथा यह तथ्य प्रसार शिक्षा के माध्यम से पशुपालकों और गौपालकों तक पहुँचाया जाएगा। कुलपति द्वारा गठित विश्वविद्यालय की आंतरिक वातावरण मूल्यांकन समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को बैठक के पटल पर रखा गया तथा इसे चरणबद्व रूप में लागू किए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया। इस समिति में देश के अनुभवी प्रख्यात पशुचिकित्सा शिक्षा वैज्ञानिकों को शामिल किया गया था। समिति ने राजुवास में शिक्षण, शोध और प्रसार सेवाओं के सुद्दढीकरण के लिए प्रशासनिक ढांचे, वित्तीय कुशलता और कामकाज को प्रभावी बनाने के लिए सुझाव प्रस्तुत किए हैं। बोम ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, प्रसार शिक्षा एवं अनुसंधान परिषद् की गत कार्यवाही रिर्पोट का अनुमोदन कर दिया। इस अवसर पर बोर्ड के सदस्यों ने प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रकाशित पशुपालन नये आयाम के मासिक अंक का विमोचन किया। प्रबंध मंडल के मनोनीत सदस्यों में सूरतगढ़ के विधायक श्री राजेन्द्र सिंह भादू, वी.सी.आई. प्रतिनिधि डॉ. अमित नैण, श्री बलराम सहारण, श्रीमती कामना चौधरी, प्रो. ए.पी. व्यास सहित राज्य के पशुपालन निदेशक डॉ. अजय कुमार गुप्ता और आर.सी.डी.एफ. प्रतिनिधि डॉ. भारती उपनेजा ने बैठक में शिरकत की। राजुवास के कुलसचिव और बोम के सदस्य सचिव श्री बी.आर. मीणा, वित्त नियंत्रक श्री अरविन्द बिश्नोई, फैकल्टी चेयरमैन प्रो. जी.एस. मनोहर, प्रो. ए.पी. सिंह सहित विश्वविद्यालय के डीन-डायरेक्टर भी उपस्थित थे।

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