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वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा 20 हजार को वैज्ञानिक पशुपालन का प्रशिक्षण कार्य पूराः कुलपति प्रो. गहलोत

हैलो बीकानेर,रामसहाय हर्ष। वेटरनरी विश्वविद्यालय के पशुधन चारा संसाधन प्रबंधन एवं तकनीक केन्द्र में हनुमानगढ़ जिले के 35 पशुपालक-कृषकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुक्रवार को सम्पन्न हो गया। पशुपालन एवं डेयरी तकनीक विषय पर उपनिदेशक कृषि एवं परियोजना निदेशक आत्मा परियोजना के सौजन्य से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत ने कहा कि पशुधन उत्पादन बढ़ाने और पशुपालकों को समृद्ध बनाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा बड़े पैमाने पर पूरे राज्य में वैज्ञानिक पशुपालन और उन्नत पोषण तकनीकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष में अब तक 20 हजार पशुपालकों के प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। इस वित्तीय वर्ष में 25 हजार पशुपालकों को प्रशिक्षण देने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। राज्य में 90 प्रतिशत किसान पशुपालन से जुड़े हैं। वेटरनरी विश्वविद्यालय ने राज्य में उन्नत पशु पोषण और पशुओं की स्वास्थ्य देखभाल से ही दुग्ध उत्पादन बढ़ाने में सफलता अर्जित की है। कृषकों और पशुपालकों को आयुर्वेट लिमिटेड और रिलायन्स इंडस्ट्रीज के सहयोग से विश्वविद्यालय अपनी स्थापना से ही पशुधन उत्पादन की तकनीकों के प्रसार के कार्य में जुटा हुआ है। आयुर्वेट लिमिटेड के बिजनेस प्रबंधक अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि राज्य में पशुपालन के विकास के लिए आयुर्वेट वेटरनरी विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कार्य कर रहा है, इससे राज्य में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। रिलायन्स इन्डस्ट्रीज लिमिटेड के क्षेत्रीय प्रबंधक सुदीप गुप्ता ने कहा कि राजुवास के साथ मिलकर राज्य के पशुपालकों के हित में तथा श्वेत क्रांति को साकार करने के लिए रिलायन्स भी कार्य कर रहा है। प्रशिक्षण संयोजक और प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. आर.के. धूड़िया ने बताया कि वैज्ञानिक और उन्नत पशुपालन व डेयरी तकनीक के प्रशिक्षण कार्यक्रम गांव-ढ़ाणी तक आयोजित करके पशुधन उत्पादन बढ़ाने के प्रयासों के वांछित परिणाम मिल रहे हैं। समापन समारोह में कुलपति प्रो. गहलोत और अतिथियों ने वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा तैयार प्रशिक्षण संदर्शिका और पशु आहार एवं चारा बुलेटिन के नए अंक का विमोचन किया। पषुपालक दल के प्रभारी अनिल धीरेन्द्र ने प्रषिक्षण कार्यक्रम को अत्यंत लाभप्रद बताते हुए सभी का आभार जताया। समारोह में वेटरनरी काॅलेज के अधिष्ठाता प्रो. जी.एस. मनोहर, अनुसंधान निदेषक प्रो. राकेष राव, पी.एम.ई. निदेषक प्रो. आर.के. सिंह भी मौजूद थे।

वेटरनरी विश्वविद्यालय और रिलायन्स इन्डस्ट्रीज ने अनुसंधान एवं प्रसार का एम.ओ.यू. तीन साल बढ़ाया

हैलो बीकानेर,रामसहाय हर्ष। वेटरनरी विष्वविद्यालय और रिलायन्स इन्डस्ट्रीज लिमिटेड के बीच पषुचिकित्सा एवं पषुपालन अनुसंधान और प्रसार कार्यों के लिए अगले तीन वर्षों के लिए बढ़ाने के करार (एम.ओ.यू.) पर शुक्रवार को दस्तखत किए गए। वेटरनरी विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत और रिलायन्स इंडस्ट्रीज के क्षेत्रीय निदेषक सुदीप गुप्ता ने करार के दस्तावेज एक दूसरे को सुपुर्द किए। इस अवसर पर कुलपति प्रो. गहलोत ने कहा कि राजुवास वैज्ञानिकों ने रिलायन्स इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर पषुपालकों के हित में पषुधन उत्पादन बढ़ाने के लिए नवीन तकनीक और नवाचारों में उल्लेखनीय कार्य किया है। जिसका फायदा राज्य में दुग्ध उत्पादन बढाने में मिल रहा है। अतः आपसी सहयोग को अगले तीन वर्षों के लिए आगे बढाया गया है। रिलायन्स के क्षेत्रीय प्रबंधक गुप्ता ने कहा कि राजुवास टीम की कार्य कुशलता और रिलायन्स के साझा प्रयासों से राज्य में उन्नत पशुपालन तकनीकी के विकास और श्वेत क्रांति के प्रयासों को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस अवसर पर वेटरनरी काॅलेज के अधिष्ठाता प्रो. जी.एस. मनोहर, पी.एम.ई. निदेशक प्रो. आर.के. सिंह, अनुसंधान निदेशक प्रो. राकेश राव, प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. आर.के. धूड़िया, रिलायन्स के करमजीत सिंह चड्डा व सुमानस महाजन भी उपस्थित थे।

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