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जोधपुर,। माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के ग्रीष्मकालीन न्यायाधीश श्री पुष्पेन्द्रसिह भाटी ने चिकित्सा एंव स्वास्थ्य मंत्री के निजी सचिव के द्वारा दूरभाष पर दिये गये निर्देशो के क्रम में किये गये स्थानान्तरण (कार्यव्यवस्थार्थ) के आदेश पर रोक लगाते हुए चिकित्सा एंव स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी किये । हैलो बीकानेर को प्राप्त मेल के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अलसीगढ जिला उदयपुर में चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत डॉ. कैलाश गुर्जर की नियुक्ति निर्देशक महोदय के आदेश से दिनांक 5.10.2015 को हुई थी । दिनांक 24.5.2017 के आदेश से उसका कार्यव्यवस्था के रूप में स्थानान्तरण मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी उदयपुर के आदेश से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अलसीगढ से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कोल्यारी कर दिया गया । मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी उदयपुर द्वारा आदेश में स्पष्ट रूप से अंकित भी किया गया कि यह आदेश निजी सचिव माननीय चिकित्सा ंएंव स्वास्थ्य मंत्री राजस्थान सरकार द्वारा दूरभाष पर दिये गये निर्देशो के क्रम मे पारित किया जा रहा है।
विभाग के इस कृत्य से व्यथित होकर प्रार्थी ने उक्त आदेश को माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष अपने अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा के माध्यम से चुनौती देते हुए एक रिट याचिका प्रस्तुत की। प्रार्थी के अधिवक्ता ने माननीय न्यायालय के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया कि प्रथमतः प्रार्थी का नियुक्ति अधिकारी निर्देशक चिक्तिसा एंव स्वास्थ्य विभाग जयपुर है जबकि स्थानान्तरण आदेश मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी उदयपुर ने पारित किया है जो कि यह आदेश पारित करने में सक्षम नही है दूसरा जो आदेश पारित किया गया है वह मंत्री महोदय के निजी सचिव के आदेश के अनुक्रम में पारित किया गया है जो कि विधि विरूद्व है ।
प्रार्थी के अधिवक्ता के तर्को से सहमत होते हुए माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय ने प्रार्थी की रिट याचिका को ग्राहय करने के साथ साथ प्रार्थी के स्थानान्तरण आदेश दिनंाक 24.5.2017 पर अंतरिम रोक लगाते हुए चिकित्सा एंव स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी किये ।

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