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नई दिल्ली। सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के खिलाफ अगस्त में सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज की गयी और साथ ही बड़ी एयरलाइंस में उसकी उड़ानें सबसे ज्यादा रद्द भी हुईं। नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, अगस्त में प्रति एक लाख यात्री एयर इंडिया के खिलाफ 16 शिकायतें आयीं। वहीं, दूसरे स्थान पर जेट एयरवेज रही, जिसके खिलाफ प्रति एक लाख यात्री 13 शिकायतें दर्ज की गयीं। प्रति एक लाख यात्री गोएयर के खिलाफ पाँच, ट्रूजेट के खिलाफ चार, एयर एशिया, इंडिगो और स्पाइस जेट के खिलाफ दो-दो तथा विस्तारा के खिलाफ एक शिकायत आयी। अगस्त में यात्रियों को सबसे ज्यादा शिकायत ग्राहक सेवा को लेकर रही। कुल शिकायतों में 31.2 प्रतिशत इसी मद में आयीं। इसके बाद उड़ान संबंधी शिकायतें 26 प्रतिशत, बैगेज संबंधी 18.5 प्रतिशत, कर्मचारियों के व्यवहार को लेकर 7.8 प्रतिशत, रिफंड को लेकर 7.5 प्रतिशत और किराये के संबंध में 2.3 प्रतिशत शिकायतें रहीं। उड़ानें रद्द होने में बड़ी विमान सेवा कंपनियों में एयर इंडिया सबसे आगे रही। उसकी 1.74 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं। क्षेत्रीय विमान सेवा कंपनियों में जूम एयर की शत-प्रतिशत उड़ानें रद्द हो गयीं। ट्रूजेट की 2.48 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं। जेट लाइट की 0.66 प्रतिशत, स्पाइसजेट की 0.53 प्रतिशत और जेट एयरवेज की 0.41 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं। इस मामले में एयर एशिया का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। उसकी शून्य प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं। इसके बाद विस्तारा की 0.11 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं। कुल 55 प्रतिशत उड़ानें रद्द होने की वजह तकनीकी रही। खराब मौसम के कारण 16.8 प्रतिशत और वाणिज्यिक कारणों से 3.8 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं।

 

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