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हनुमानगढ़ hellobikaner.in खेत में पराली जलाने पर मंगलवार को 10 किसानों पर 2500-2500 रूपए का जुर्माना लगाया गया है तथा करीब एक दर्जन किसानों को खेत में पराली ना जलाने को लेकर पाबंद किया गया है। कार्यवाहक तहसीलदार सुमित्रा बिश्नोई ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार ये कार्रवाई चक 8 एचएमएच और चक 15 एचएमएच में की गई। जिला कलेक्टर ने टाउन में एक दो खेतों में पराली जलते देख तत्काल कार्रवाई के निर्देश तहसीलदार को दिए थे।

तहसीलदार ने बताया कि खेत में पराली जलाने पर रोक लगाने को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है। फसल कटाई के उपरान्त फसलों के अवशेषों को जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति का क्षरण तथा वातावरण एवं मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त नुकसान देय साबित हो रहा है। लिहाजा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के द्वारा सैटेलाइट इमेज के माध्यम से फसल अवशेषों को जलाने की घटनाओं के नियमित रूप से चिन्हीकरण किया जा रहा है।

तहसीलदार सुमित्रा बिश्नोई ने बताया कि मंगलवार को चक  8 एचएमएच एवं चक 15 एचएमएच का विजिट किया तो वहां किसानों द्वारा खेत में ही पराली जलाने की घटना पाए जाने पर किसानों पर ढाई-ढाई हजार का जुर्माना लगाया गया। साथ ही करीब एक दर्जन किसानों को खेत में पराली नहीं जलाने को लेकर पांबद किया गया है।

जुर्माना लगाने की कार्रवाई के दौरान गिरदावर गुलजार, हल्का पटवारी अल्का समेत राजस्व के अन्य कार्मिक साथ थे। गौरतलब है कि अधिनियम 1981 के तहत् फसल अवशेष जलाना प्रतिबंधित किया गया है, इसी क्रम में राजस्थान राज्य “प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फसल अवशेषों को जलाने पर भूमि स्वामित्व अनुसार 2 एकड़ से कम भूमि होने पर रू0 2500/-, 2 से 5 एकड़ भूमि पर 5000  और 5 एकड़ से ज्यादा भूमि होने पर 15 हजार रूपए जुर्माने का प्रावधान किया हुआ है।

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