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हैलो बीकानेर (कुलदीप शर्मा) हनुमानगढ़ ।  जिला मुख्यालय पर एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया हैं ! आरटीआई से मिले सबूतों व तथ्यों को आधार मान कर देखा जाए तो करोड़ो रुपयों का गबन सामने आ रहा हैं !मामला भी इतना बड़ा हैं कि सोचकर भी हैरानी होती हैं कि आखिर इतने बड़े भृष्टाचार को अंजाम दे दिया गया और शायद बंदरबांट भी हो गया होगा तभी मामला सामने नहीं आया !

बड़े राजनैतिक के घर आना-जाना…!

मामला एक सरकारी इमारत में बैठे अधिकारी से जुड़ा हैं ! अधिकारी भी इतना शातिर हैं कि जिले के जाने-माने राजनैतिक के बड़े चेहरे के घर आना जाना भी लगा रहता हैं ! हम आपको बता दे ये वो ही अधिकारी हैं जो लगभग काली पेंट व टीशर्ट पहन कर कार्यालय में जाता हैं ! अब आप सोचेंगे कि ये बात को इतना घुमाया क्यूं जा रहा हैं तो हम आपको बता दे कि राज्य सरकार के नए बने अध्यादेश में हम किसी भृष्टाचारी का नाम व पहचान उजागर नहीं कर सकते हैं ! लेकिन क्या करे पत्रकारिता धर्म का पालन भी करना है और दो साल की सज़ा से भी बचना हैं !

उतर दिशा में सरकारी इमारत में बैठता हैं भृष्टाचारी…!

हम आपको बताना चाहेंगे कि ये मामला उतर दिशा में स्थित सरकारी इमारत में बैठे एक व्यक्ति से जुड़ा है जो सरकार का नुमाइंदा हैं ! जिसने एक साथ इतने बड़े भृष्टाचार को अंजाम दिया हैं कि विस्वास नहीं होता हैं ! लेकिन हैरान कर देने वाली बात ये हैं कि किसी को कानो-कान खबर तक नहीं हुई…!

राज्य सरकार की एक बड़ी योजना से जुड़ा हैं मामला…!

आपको जरा नज़दीक से बताने का प्रयास जरूर करूँगा लेकिन फिर भी डर लगता हैं कहीं सरकार दो साल के लिए जेल में ना डाल दे ! आपको बता दे कि मामला राज्य सरकार की एक बड़ी योजना से जुड़ा हुआ है जिसको उस सरकारी इमारत में स्थित व्यक्ति ने पूरा डकार लिया ! लेकिन अब सवाल उठता हैं कि इतना बड़ा भृष्टाचार को अंजाम दे दिया गया लेकिन अभी तक उस पर किसी जिम्मेदार की नज़र नहीं पड़ी ! खैर अभी शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत तो सरकार से कर दी हैं लेकिन उसका हश्र क्या होगा….!!

180 दिनों का करो अब इंतज़ार…!

अब शिकायतकर्ता को और आपको (पाठकों) 180 दिनों का इंतज़ार करना पड़ेगा कि ये घोटाला क्या हुआ था और किसने किया था ! हां एक बात ओर अगर इसी बीच मामला राज्य सरकार मंजूर नहीं करती हैं तो सोच लेना कि भृष्टाचार- या तो हुआ ही नहीं था या भृष्टाचार को साफ कर दिया गया हैं..!! इस बीच जो शिकायतकर्ता के साथ होगा उसकी कल्पना तो शायद हम भी नहीं कर सकते हैं !

धुंआ उठा हैं तो आग भी लगी होगी…!

खैर इतना तो साफ़ हैं की धुंआ उठा हैं तो आग भी कहीं ना कहीं लगी भी होगी ! अब देखने वाली बात होगी कि इस आग को 180 दिन में ठंडा कर दिया जावेगा या फिर राख को समेटकर जांच की जाएगी !समाचार को खत्म करने से पहले 2 साल की सज़ा का डर मन मे खाये जा रहा हैं ! फिर भी सोचा आपको अंत मे जाते-जाते कुछ चीज़ें ओर बता जाता हूँ इस भृष्टाचार को लेकर..!!

भृष्टाचारी 10 बजे निकला था सिटी थाने के आगे से…!

ये वो ही सरकारी इमारत में स्थित व्यक्ति हैं जो परसो नीली टीशर्ट पहने हुए करीब 10 बजे सुबह-सुबह हनुमानगढ़ के ही सिटी थाने क्व सामने से गुजरा था ! उसी व्यक्ति ने वहां से निकलते हुए करीबन 2 बजे सूरतगढ़ रोड से सीधा अपनी शानदार सरकारी इमारत में प्रवेश किया था !

उस बड़े वाले से सम्बंध हैं भृष्टाचारी के…!

हां वहीं सूत्र बताते हैं कि उस व्यक्ति के किसी बड़े वाले (बहुत बड़े वाले) राजनैतिक व्यक्ति से उठक-बैठक चलती रहती हैं ! अब 180 दिनों में इस भृष्टाचार व भृष्टाचारी का अंजाम तो क्या होगा वो तो हमे बाद में ही पता चल पाएगा !

ट्रायल (गुस्ताखी माफ) माफीनामा-

हम आप सभी पाठकों/व्यक्तियों/अधिकारियों व समस्त देश वासियों से माफी चाहते हैं कि आपको फ़र्ज़ी खबर पढानी पड़ी । क्योंकि हमारा उद्देश्य सिर्फ इतना ही था कि देर-सवेर अगर राज्य सरकार द्वारा लाया जा रहा अध्यादेश अगर पारित हो जाता हैं तो आम जनता से लेकर मीडिया तक को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा ! और इस बीच जो शिकायतकर्ता के साथ क्या हश्र होगा इसका अंदाज़ा शायद आप व हम नहीं लगा पाएंगे । इस काले कानून के पारित होने के बाद हमारा सबसे बड़ा कानून सूचना का अधिकार नियम सिर्फ खिलौना बन कर राह जाएगा और आमजन व मीडिया कठपुतली बन जाएगी जो कि आने वाले समय के लिए घातक सिद्ध होगी..!
एक बार पुनः माफी देवे ! धन्यवाद

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