हैलो बीकानेर। कुछ लोग कहते हैं कि बेटे से वंश आगे बढ़ता है लेकिन पूछ लो पड़ दादा का नाम तो बगलें झाँकने लगते हैं। जब हमें अपने पड़ दादा या उनके पिता का नाम भी याद नहीं तो क्या गारंटी है कि हमारे पड़ पोते को हमारा नाम याद रहेगा ? ये हम किसका वंश बढ़ाने अपनी बेटियों की बलि दे रहे हैं ? स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव व अध्यक्ष समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी नवीन जैन के ऐसे हिला देने वाले तर्कों से सिर्फ सहमत ही हुआ जा सकता था, मौका था शनिवार को जयपुर के कृषि अनुसंधान केंद्र ऑडिटोरियम में राज्यभर से आए 650 से अधिक “डीएपी रक्षकों” के प्रशिक्षण का। एमडी जैन ने पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रावधानों व जनसमुदाय में फैली कुरीतियों सहित पब्लिक स्पीकिंग व सम्प्रेषण दक्षता के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया। इस दौरान वीडियो के जरिए गर्भस्थ शिशु की अपील का सजीव प्रस्तुतीकरण किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव सीनियर आईएएस केके पाठक ने डेप-रक्षकों को अभियान में येागदान देने, भू्रण लिंग चयन व कन्या भू्रण हत्या जैसे जघन्य अपराध में शामिल न होने की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर प्रफुल्ल कुमार, माउंट एवेरेस्ट फतह करने वाले गौरव शर्मा, साहित्यकार रिजवान एजाजी, राजस्थान पत्रिका लाडो चैपाल की डिप्टी एडीटर श्रीमती क्षिप्रा माथुर, एएसपी रघुवीर सिंह, समाजसेवी राजन चैधरी के साथ-साथ कई जानी-मानी हस्तियों ने महा प्रशिक्षण मे भाग लिया। वहीं जिले से प्रशिक्षण कार्यक्रम में डीपीएम सुशील कुमार, जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेंद्र सिंह चारण, जिला आईईसी समन्वयक मालकोश आचार्य, जिला आशा समन्वयक रेणु बिस्सा, डीएनओ मनीष गोस्वामी, डॉ. तनुश्री सिंह, विपुल गोस्वामी, डॉ. मनुश्री सिंह, डॉ. भानुप्रताप सिंह, रंगकर्मी विकास शर्मा व एनजीओ उरमूल सेतु के सदस्य सहित कुल 12 “डीएपी रक्षक” शामिल हुए।
17 नवम्बर को बेटियां बचाने के लिए भरेंगे सामूहिक हुंकार
गर्भ में पल रही बेटियों की रक्षा करने “डॉटर्स आर प्रिशियस” महोत्सव मनाया जाएगा जिसके तहत पूरे राज्य में एक साथ एक दिन 400 से ज्यादा स्कूल-कॉलेजों में लाखों विद्यार्थियों से संवाद होगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की मुहीम “डॉटर्स आर प्रिशियस” जिसे अब तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक नवीन जैन द्वारा बढ़ाया जा रहा था अब इसकी बागडोर 400 से ज्यादा ‘डीएपी रक्षक’ संभालेंगे। संभवतः 17 नवम्बर को शिक्षण संस्थाओं में डॉटर्स ऑर प्रीसियस के तहत वृहद् स्तर पर बेटी बचाओ अभियान की अलख जगाई जाएगी।