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हैलो बीकानेर। बीकानेर पुष्करणा समाज में आजादी से पूर्व 1936 में श्री बाबूलाल जी ओझा (कराची वाले) के यहां एक पुत्र का जन्म हुआ जिसना नाम था रामदास ओझा। बीकानेर के बारहगुवाड़ के पास कराचीवालों की गली में रहने वाले रामदास दास ओझा बचपन से पढ़ाई में अव्वल रहे तथा इनका विवाह कोलकता निवासी स्व. गणेशदास छंगाणी की सबसे बड़ी बेटी जशोदा देवी से हुआ।

रामदास दास ओझा के यहां 6 पुत्रों का जन्म हुआ। रामदास ओझा को प्रथम श्रेणी के अध्यापक के रूप में सरकारी नौकरी मिली और कई स्कूलों के प्रधानाचार्य रहते हुवें अपना सरकारी सेवाकाल पूर्ण किया। बीकानेर शहर में रामदास ओझा ‘मास्टरजी’ के नाम पहचाने जाने लगे।

समाजिक कार्य और राजनीति में रूची रखने वाले रामदास ओझा सेवानिवृत होने के बाद अपना सारा समय सामाजिक कार्य में व्यतित करते थे। पूर्व लूणकरणसर विधायक माणिकचंद सुराणा के परम मित्र रामदास ओझा भारतीय जनता पार्टी में भी कई पदों पर रहे। पुष्करणा समाज के कर्णधार व्यक्तित्व के धनी रामदास ओझा की पहचान हमेशा सरल सौम्य व्यवहार ही रही। 25 फरवरी 2019 की अलसुबह रामदास ओझा की तबीयत खराब होने की वहज से बीकानेर के ट्रोमा सेंटर लाया गया जहां उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। रामदास ओझा अपने पिछे भरा पूरा परिवार छोड़ गये है। तीये की बैठक स्थानीय नत्थुसरगेट पर बाहर दिनांक 26 फरवरी 2019 को सांय 5 बजे रखी गई है।

हैलो बीकानेर की पूरी टीम रामदास ओझा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करती है साथ ही ईश्वर से प्रार्थना करती है कि दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें और शोकाकुल ओझा परिवार को धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करें।

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