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जयपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवर लाल मेघवाल ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि राज्य सरकार ने पालनहार योजना का सरलीकरण किया है अब योजना के तहत सभी पात्र बच्चों को लाभ मिलेगा।
मेघवाल प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने पालनहार योजना में आवदेन करने की प्रक्रिया बताते हुए बताया कि सबसे पहले बच्चे के संरक्षक द्वारा आवेदन किया जाता है। उन्होंने बताया कि पहले आवदेन ऑफलाइन करते थे, लेकिन अब ई-मित्र पर आवेदन किया जाता हैं। उन्होंने बताया कि पालनहार योजना में पात्र बच्चों को लाभ पहुंचाने के लिए नौ अलग-अलग केटेगरी बनी हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि कौन बच्चा पालनहार योजना में पात्र है यह तय करने के लिए प्रत्येक ब्लॉक में सुरक्षा अधिकारी लगा रखे है और उनकी स्वीकृति के बाद ही राशि का भुगतान किया जाता है।
उन्होंने बताया कि यह सही है कि पिछले दो वर्ष से इस योजना की निगरानी के लिए पूरे प्रदेश के सभी जिलों के ब्लॉक में सुरक्षा अधिकारी लगे हुए है। उन्होंने बताया कि जहां पद रिक्त है वहां दूसरे सुरक्षा अधिकारी को अतिरिक्त कार्य दिया हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा अधिकारी नहीं होने पर जिला स्तर से यह कार्य अन्य अधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि वे 30 दिन में आपकी कार्यवाही पूर्ण कर 45 दिन में सम्बन्धि बच्चे को राशि का भुगतान करने की व्यवस्था सुनिश्चित करे।
मेघवाल ने बताया कि उदयपुर जिले में वर्तमान में 17 सुरक्षा अधिकारी के पद स्वीकृत है, जिनमें 12 पद रिक्त है तथा पांच कार्यरत है। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में वर्तमान में सुरक्षा अधिकारियों के स्वीकृत 295 पदों में 137 पद खाली हैं, उन्होंने बताया कि रिक्त पदों को नई भर्ती से भरने की अभ्यर्थना भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि उदयपुर जिले में यह योजना 16 जनवरी, 2005 में शुरू की गई, जब योजना में 6 हजार 585 आवेदन प्राप्त हुए थे। उन्होंने बताया योजना में वर्ष 2018 में उदयपुर जिले में 3 हजार 587 आवेदन प्राप्त हुए।
उन्होंने बताया कि जिले में वर्तमान में कुल स्वीकृत आवेदन 5 हजार 737 है जिनमें 846 निरस्त हुए तथा 503 में आक्षेप लगाये गये है। उन्होंने आश्वस्त किया कि आक्षेप दुरस्त होने और ऑनलाइन होने पर सबको भुगतान कर दिया जाएगा।
इससे पहले विधायक श्री बाबूलाल के मूल प्रश्न के जवाब में मेघवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले अलग-अलग श्रेणी के बच्चों के पालन-पोषण करने वाले एवं निर्धारित आय सीमा 1.20 लाख रुपये वार्षिक में आने वाले व्यक्तियों को आर्थिक सहायता उपलब्धत करवाने हेतु पालनहार योजना का संचालन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि योजना में अनाथ बालक व बालिका न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड या आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता के सभी बच्चे, निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता कें तीन बच्चे, पुनर्विवाहित विधवा माता के सभी बच्चे, एड्स पीड़ीत माता व पिता के सभी बच्चे एवं कुष्ठ रोग से पीड़ीत माता व पिता के सभी बच्चेे, नाता जाने वाली माता के तीन बच्चे, विशेष योग्याजन माता – पिता के सभी बच्चे एवं तलाकशुदा व परित्यकता महिला के सभी बच्चों को लाभान्वित किया जाता है।
मेघवाल ने बताया कि पालनहार को स्वीकृत अनुदान राशि व अनुदान की शतार्ें में 0-6 वर्ष तक की आयु के बच्चें हेतु 500 रुपये प्रतिमाह (आगंनबाडी जाना अनिवार्य), 6-18 वर्ष तक की आयु के बच्चें  हेतु 1000 रुपये प्रतिमाह (विद्यालय जाना अनिवार्य), वस्त्र, स्वेटर, जूते आदि हेतु 2000 रुपये वार्षिक अतिरिक्त एकमुश्त देय (विधवा पालनहार व नाता पालनहार में देय नहीं) एवं पालनहार की वार्षिक आय 1.20 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिये, शामिल है। उन्होंने बताया कि बच्चे की अधिकतम आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिये एवं आवेदन की तिथि से कम से कम 3 वर्ष की अवधि से राजस्थान राज्य में रह रहे हो।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने योजनान्तर्गत वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में प्राप्त आवेदन स्वीकृत एवं शेष आवेदनाें का विवरण सदन की मेज पर रखा। उन्होंने बताया कि शेष आवेदनाें में आक्षेप पूर्ति उपरान्त स्वीकृति जारी कर लाभान्वित किया जा सकेगा।

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