जयपुर hellobikaner.com मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से लगातार किए जा रहे प्रयासों के बाद अब प्रवासी एवं श्रमिक राज्यों की आपसी सहमति से चरणबद्ध तरीके से राजस्थान से बाहर या राजस्थान में अपने घर जा सकेंगे। ये श्रमिक आवश्यक होने पर संबंधित राज्य सरकार से अनुमति मिलने और उचित व्यवस्थाओं के उपरान्त अपने गृह स्थान पर पहुंच सकेंगे।
गहलोत ने कहा कि प्रवासियों एवं श्रमिकों को हैल्पलाइन नंबर 18001806127, emitra.rajasthan.gov.in पोर्टल, ई-मित्र मोबाइल एप अथवा ई-मित्र कियोस्क पर पंजीकरण करवाना होगा। श्रमिकों के पंजीकरण के बाद राज्य सरकार संबंधित राज्य सरकार से सहमति प्राप्त करेगी। पंजीकृत प्रवासी एवं श्रमिकों की संख्या के अनुसार उन्हें को तय तिथि एवं समय पर अपने घर जाने की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। जो व्यक्ति अपने वाहन से आना चाहेगा उसे पंजीकरण में इसका उल्लेख करना होगा। कोई भी व्यक्ति अपनी मर्जी से फिलहाल सड़कों पर नहीं निकले और न ही रवाना हों।
गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए नियत स्थान पर पहुंचने के बाद प्रवासियों एवं श्रमिकों को क्वारेंटाइन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो प्रवासी या श्रमिक कर्फ्यू पास लेकर निजी वाहनों से आएंगे, उन्हें राज्य में एंट्री प्वाइंट पर रजिस्टेªशन के बाद आने दिया जाएगा और नियत स्थान पर पहुंचने के बाद क्वारेंटाइन किया जाएगा। राजस्थान से निजी वाहनों से बाहर जाने वाले प्रवासियों को भी जिला कलेक्टर की ओर से चरणबद्ध रूप से पास जारी किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रवासियों एवं श्रमिकों को पूरे प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने-अपने राज्यों में पहुंचाना बड़ी चुनौती है। प्रवासियों को सोशल डिस्टेंसिंग एवं हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना के साथ अगले कुछ दिनों में सकुशल अपने-अपने स्थानों पर पहुंचाने के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि बिना किसी जातिगत भेदभाव के क्वारेंटाइन अवधि और कर्फ्यू नियमों की सख्ती से पालना की जाए। उन्होंने अपील की है कि ग्रामवासी किसी भी स्थान से आए व्यक्ति की सूचना स्थानीय प्रशासन को दें ताकि क्वारेंटाइन के नियम की पालना करवाई जा सके और प्रदेशवासियों द्वारा इतने दिनों से की जा रही तपस्या विफल नहीं हो।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रवासियों के इस आवागमन के लिए चिकित्सा विभाग सर्दी-जुकाम एवं बुखार (आईएलआई) के लक्षणों की स्क्रीनिंग एवं जांच की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करे। साथ ही परिवहन विभाग उचित संख्या में बसों की व्यवस्था और स्थानीय जिला प्रशासन राज्य की सीमाओं पर अस्थायी आवास एवं भोजन आदि की व्यवस्था का प्रबंध करे। बसों एवं अस्थायी आवासों में सैनिटाइज एवं साफ-सफाई की भी उचित व्यवस्था रहे।
गहलोत ने निर्देश दिए कि प्रवासी एवं श्रमिकों को तय हैल्थ प्रोटोकॉल के अनुसार क्वारेंटाइन में रखने की सख्ती से पालना करवाई जाए। जहां तक सम्भव हो ये श्रमिक होम क्वारेंटाइन में रहें, जिनके पास आवास की उचित व्यवस्था नहीं हो, उनके लिए स्थानीय प्रशासन संस्थागत क्वारेंटाइन की व्यवस्था उपलब्ध करवाएं।
मुख्यमंत्री ने प्रवासी एवं श्रमिकों से अपील की है कि कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए आवागमन में सहूलियत के लिए अनुशासन के साथ प्रशासन का पूरा सहयोग करें। उन्होंने कहा कि सभी लोग अपने साथ आवश्यक पहचान पत्र, अगर पूर्व में कोरोना जांच की गई है, तो उसके दस्तावेज, साथ रखें। प्रशासन द्वारा चाही गई सभी जानकारियां बिना किसी डर एवं हिचक के उपलब्ध करवाएं। परिवहन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग तथा स्क्रीनिंग के समय धैर्य बनाए रखें। साथ ही कोरोना के लक्षण तथा किसी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति से सम्पर्क के संबंध में जानकारी को नहीं छुपाएं।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार सभी प्रवासियों एवं श्रमिकों को सकुशल उनके घर पहुंचाना चाहती है, लेकिन संक्रमण से बचाव के लिए उनका सहयोग महत्वपूर्ण है। कोई भी व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करेगा तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने क्वारेंटाइन में रहने वाले सभी लोगों की कोविड-19 क्वारेंटाइन अलर्ट सिस्टम तथा राज कोविड-19 इन्फो एप के माध्यम से ऑनलाइन टेªकिंग की व्यवस्था की है। यदि कोई व्यक्ति क्वारेंटाइन एरिया से बाहर जाता है तो उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।