बीकानेर hellobikaner.com जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि पीबीएम अस्पताल में रोगियों के इलाज में और गुणात्मक सुधार लाया जाए। सुपर स्पेशलिटी सेंटर में लगे चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ बेहतर सेवाएं दे। साथ ही अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी किसी भी स्थिति में नहीं रहे यह अस्पताल प्रशासन सुनिश्चित करें।
वर्तमान में 700 गैस सिलैण्डर कि जरूरत रहती है, इसके विपरीत दो गैस एजेंसिया जिन्हें अधिग्रहित किया गया है उनमें प्रतिदिन एक हजार ऑक्सीजन गैस सिलेंडर रिफल होते हैं। ऐसे में अस्पताल प्रशासन अपने यहां इस तरह की व्यवस्था रखें की जैसे ही सिलेंडर खाली होते हैं तत्काल रिफिल करवाकर मंगवा ले।
मेहता रविवार को कलक्ट्रेट सभागार में पीबीएम अस्पताल की व्यवस्थाओं में और अधिक गुणात्मक सुधार लाने के लिए आयोजित बैठक में बोल रहे थे। बैठक में प्राचार्य सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज डॉ. एस.एस. राठौड़, पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक (कार्यवाहक) डॉ. गुंजन सोनी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बी. एल. मीणा सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि पीबीएम अस्पताल प्रशासन यह भी सुनिश्चित कर लें कि गंभीर रोगियों को सुपर स्पेशलिटी सेंटर में रखा जाए तथा जो सामान्य कोरोना रोगी हैं उन्हें एमसीएच विंग में शिफ्ट किया जाए। मेहता ने कहा कि अगर रोगी पॉजिटिव है और किसी तरह के उसमें सिम्टम्स नहीं है, ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए कोविड केयर सेन्टर में रखा जाए। उन्होंने कहा कि कोविड केयर सेंटर में भी ऑक्सीजन की व्यवस्था रहनी चाहिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि सुपर स्पेशलिटी सेंटर में स्थापित वाॅर रूम तथा हेल्प डेस्क पर 24/7 चिकित्सक रहना चाहिए। समय-समय पर प्रशासनिक अधिकारी द्वारा भी यहां औचक निरीक्षण किया जाएगा तथा टेलीफोन कर भी जानकारी ली जाएगी कि जिस चिकित्सक ड्यूटी लगी है वह उपस्थित हैं या नहीं। अगर चिकित्सक उपस्थित नहीं मिले तो उनके विरूद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टाफ सहित अन्य कार्य के लिए लगाए कर्मचारी जो औचक निरीक्षण के दौरान कार्य स्थल पर मौजूद नहीं मिले तो ऐसे अधिकारियों और कार्मिकों को निलंबन करने की कार्रवाई राजकीय सेवा नियमानुसार की जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश सहित पूरे देश में महामारी चल रही है और ऐसे समय में कार्य में शिथिलता करना मानवीय दृष्टिकोण से भी गलत है। अगर वाॅर रूम, हेल्प डेस्क सहित चिकित्सकीय कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही हुई तो उनके विरूद्ध एपिडेमिक एक्ट के तहत भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सामान्य व्यवस्था को अस्पताल प्रशासन दुरुस्त रखें
जिला कलक्टर ने कहा कि पीबीएम अस्पताल में संपूर्ण सामान्य व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रहे इसके लिए अस्पताल के कंट्रोलर और प्राचार्य सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज तथा अधीक्षक पीबीएम अस्पताल नियमित रूप से संपूर्ण व्यवस्थाओं का भ्रमण कर देखेंगे। विशेषकर सुपर स्पेशलिटी विंग में सभी व्यवस्थाएं सही है इसकी मॉनिटरिंग भी प्रतिदिन करनी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना पॉजिटिव गंभीर रोगी जैसे ही एडमिट होता है तो उसे बैड मिल जाए और दवा आदि की व्यवस्था सही तरीके से रहे, इसकी मॉनिटरिंग भी अस्पताल प्रशासन करेगा तथा इसमें किसी तरह की परेशानी आने पर तत्काल जिला प्रशासन को अवगत करवाएं।
एक करोड़ 40 लाख से बनेगा ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट
जिला मजिस्ट्रेट और अध्यक्ष जिला खनिज प्रतिष्ठान न्यास (डीएमएफटी) नमित मेहता ने बताया कि पीबीएम अस्पताल में शीघ्र ही ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित किया जाएगा। इसके लिए डीएमएफटी से एक करोड़ 40 लाख रुपए स्वीकृत कर दिए गए हैं तथा जल्द ही इसके टेंडर की कार्रवाई हो जाने के बाद यह प्लांट संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में लग जाएगा। उन्होंने बताया कि यह राशि जिला खनिज प्रतिष्ठान न्यास से उपलब्ध करवा दी गई है।
जिला कलक्टर ने बताया कि वर्तमान में जिले में दो ऑक्सीजन गैस आईपी इकाइयां कार्यरत है। दोनों को ही अधिग्रहित कर लिया गया है और सहायक निदेशक औषधि नियंत्रक सुभाष मुटरेजा को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया हुआ है। दोनों ही एजेंसियो की प्रतिदिन 1000 गैस रिफिलिंग की कैपेसिटी हैं तथा इसकी बेहतर मॉनिटरिंग के लिए दो अधिकारियों की ड्यूटी पृथक से लगा दी गई है।
एमसीएच विंग सोमवार से होगा क्रियाशील
जिला कलक्टर मेहता ने बताया कि पीबीएम अस्पताल में बने एमसीएच विंग सोमवार से क्रियाशील हो जाएंगे। अब यहां कोरोना पॉजिटिव रोगियों को भर्ती किया जाएगा। इस भवन में सभी आधारभूत सुविधाएं सुव्यवस्थित कर दी गई है। उन्होंने मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य और पीबीएम अस्पताल के सुप्रिडेंट से कहा कि एमसीएच में चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ सहित सफाई कर्मी, उपकरण और अन्य संसाधन व्यवस्थित रूप से रहें यह सुनिश्चित कर लें। संपूर्ण व्यवस्था में अगर कोई परेशानी हो तो तत्काल जिला प्रशासन को सूचित किया जाए ताकि समस्या को हल कर रोगियों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा सके।
चिकित्सा विभाग बेहतर स्क्रीनिंग करें
जिला कलक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से कहा कि कोरोना पॉजिटिव रोगी की सूचना आने के बाद उनके विभाग के चिकित्सकों द्वारा रोगी की बेहतर तरह से स्क्रीनिंग की जाए, इसके पश्चात ही रोगी को शिफ्ट करने की कार्रवाई अमल में लाई जाए। अगर रोगी को घर में रखा जाना संभव हो तो घर में रखा जाए अन्यथा कोविड केयर सेंटर में या सुपर स्पेशलिटी सेंटर दोनों में से उसे कहा रखना है इसकी बेहतर तरीके से स्क्रीनिंग होने के बाद ही शिफ्ट करने की कार्रवाई की जाए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी से कहा कि होम क्वारन्टाइन में रह रहे सभी रोगियों की नियमित रूप से जांच चिकित्सकों द्वारा हो तथा उन्हें जरूरत के मुताबिक दवा मिले यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए।