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बीकानेर hellobikaner.in केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्‍द्रीय बजट 2021-22 पेश किया। बजट पर बीकानेर के नेताओं की अलग-अलग प्रतिकिया सामने आने लगी है। भाजपा नेताओं ने जहाँ इस बजट को सराहा है तो वही कांग्रेस नेताओं ने इस बजट को नकारात्मक बताया, यहाँ हम आपको भाजपा और कांग्रेस के नेताओं की बजट पर दी गई प्रतिक्रिया बताने जा रहे है।

वैश्विक महामारी कोविड-19 की चुनौतियों से उभरते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था फिर से प्रगति की ओर अग्रसर है। बजट के 6 स्ंतभों स्वास्थ्य और कल्याण, भौतिक और वित्तीय पूंजी एवं अवसरंचना, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना, नवप्रर्वत्न और अनुसंधान एवं विकास, न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन का जिक्र करते हुए मेघवाल ने कहा कि यह बजट सर्वसमावेशी है, जो भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विकासात्मक व आत्मनिर्भर भारत की सोच को प्रदर्शित करता है। उन्होंने इस बजट के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण व वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर एवं उनकी पूरी टीम को बधाई दी। – केन्द्रीय संसदीय कार्य एवं भारी उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल

“केन्द्रीय बजट देश के सभी वर्गों में पहले से व्याप्त निराशा के अंधेरे को और गहरा कर उनकी कमर तोड़ने वाला एक दिशाहीन तथा बेरोजगारी को बढावा देने वाला दस्तावेज है। बजट में कोरोना के कारण पटरी से उतरी देश की अर्थव्यवस्था और विषम आर्थिक स्थितियों का सामना कर रही राज्य सरकारों को सम्बल देने की सोच का नितांत अभाव है। यह महंगाई की मार से त्रस्त आम आदमी के घावों पर मरहम लगाने की बजाय उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम करेगा, इससे महंगाई बढ़ेगी। मजदूर, युवा, किसान और मध्यम वर्ग के लोग भी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। प्रदेश की जनता के दूरगामी हितों के लिए राज्य सरकार की ओर से जल जीवन मिशन में केन्द्रीय हिस्सेदारी को बढ़ाने की मांग और ईस्टर्न कैनाल योजना को राष्ट्रीय दर्जा देने की प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2018 में राजस्थान की धरती पर की गई घोषणा को एक बार फिर अनदेखा करना, प्रदेश की जनता के साथ बड़ा छलावा है।‘‘ – जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला, राजस्थान सरकार

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में प्रस्तुत किये गये वित्तीय बजट पूर्णतया नकारात्मक एवं असफल बजट है। पिछले एक वर्ष में कोरोना महामारी ने मध्यम एवं निम्न वर्ग की कमर तोड़ कर रख दी थी, रोजगार एवं उद्योग धंधे तहस, नहस हो गये, श्रमिक वर्ग की हालत बदतर है, किसान सड़कों पर बैठा है, सरहद पर बैठा सैनिक निराश है, युवा वर्ग हताश है, पेट्रोल, डीजल, गैस एवं घरेलू सामग्री की बढ़ती कीमतों एवं महंगाई ने घर का बजट बिगड़ रहा है, किन्तु इस बजट में किसी वर्ग के लिये कोई राहत की उम्मीद दिखाई नहीं देती। मुद्रा स्फिति 9.71 प्रतिशत बताई गई है, जबकि वास्तविकता में अक्टूबर-नवम्बर तक यह 20 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। वित्तीय घाटा 6.8 प्रतिशत से उपर हो गया है। – उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी, राजस्थान सरकार  

यह बजट कोरोना आपदा के बाद देश को तेजी से पटरी पर लाने वाला है। केंद्र सरकार ने कोरोना उपरांत चुनोतियो को गंभीरता से लेते हुए, देश के आम आदमी, अन्नदाता किसान, युवा, लघु उद्योग, श्रमिक, वरिष्ठ नागरिक आदि का ध्यान करते हुए राहत दी है। सरकार ने आम आदमी के स्वास्थ की चिंता को प्राथमिकता देते हुए ग्रामीण विकास, पेयजल, कृषि सुविधाओ, किसान सम्मान का पूरा ध्यान रखा है। शिक्षा की दृष्टि से 100 नए सैनिक स्कूल खोलने का निर्णय अत्यधिक महत्वपूर्ण है। साथ ही सरकार द्वारा वायु प्रदूषण से लड़ने की इच्छाशक्ति भी प्रकट की है। प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत योजना को और मजबूत किया गया है जिसके परिणाम देश की सुधरी हुई अर्थव्यवस्था से प्रकट होने लगी है। सरकार ने देश की आधारभूत संरचना को मजबूत करने के निर्णय से मांग बढ़ेगी, रोजगार मिलेगा एवम बाजार में पैसे का प्रवाह बढेगा। उन्होंने कहा कि आज का केंद्रीय बजट पूरी तरह से संतुलित बजट है आम आदमी पर किसी प्रकार का करो का बोझ नही दे कर राहत प्रदान की है। – अखिलेश प्रताप सिंह, जिला अध्यक्ष भाजपा बीकानेर

– रामेश्वर डूडी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष, राजस्थान विधानसभा 

केन्द्र सरकार द्वारा पारित आम बजट आत्मनिर्भर भारत का है। इसमें हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। यह बजट भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होगा। इससे हर सेक्टर में पाॅजिटिविटी आई है। बजट में वित्त मंत्री द्वारा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया है। केन्द्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष फोकस किया गया है। स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च 137 प्रतिशत बढ़ाकर 2.23 लाख करोड़ किया गया है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए 16.5 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की गई है। इससे किसानों को संबल मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश के शैक्षणिक ढांचे को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से 15 हजार सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने, 100 नए सैनिक स्कूल तथा 750 नए एकलव्य माॅडल स्कूल खोलने की घोषण की गई है। उच्च शिक्षा के लिए कमीशन एवं राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन की स्थापना होगी। –  अविनाश जोशी, भाजपा आईटी विभाग, प्रदेश संयोजक

केंद्रीय बजट 2021 निराशाजनक और हवाहवाई बातों से भरपूर है। केंद्रीय बजट को चंद पूंजी पतियों के लिए लाया गया है। बजट में बेरोजगारों के लिए कुछ भी प्रावधान नहीं किया गया है। ऐसे में बेरोजगार वर्ग अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। केंद्र सरकार ने बजट में निजीकरण को बढ़ावा देने और सरकारी संपत्तियों को बेचने का काम किया हैं। – जिया उर रहमान आरिफ, प्रदेश सचिव, राजस्थान प्रदेश काँग्रेस कमेटी

यह बजट सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखने वाला शानदार, संतुलित और विकोसोन्मुखी बजट है। केन्द्रीय बजट में स्वास्थ्य, कृषि और आधारभूत विकास के लिए उच्च बजट का प्रावधान नए भारत की संकल्पना को साकार करने वाला महत्वपूर्ण प्रावधान है। कोरोना जैसी आपदा के कारण उत्पन्न कठिन आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद भी केंद्र सरकार द्वारा बजट में किसी भी प्रकार का अतिरिक्त कर, सेस अथवा टैक्स में बढ़ोतरी नहीं कर माध्यम वर्ग सहित आम आदमी को राहत दी गयी है। – डॉ.सत्यप्रकाश आचार्य, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पूर्व जिलाध्यक्ष

बजट में किसी भी वर्ग को कोई राहत नही मिली उल्टा आमजन पर महंगाई का बोझ डालने वाला प्रतीत होता है। वित्तमंत्री द्वारा सरकारी संस्थाओं का निजीकरण करने और उन्हें बेचने का बजट मैं घोषणा करना उनकी मानसिकता को दर्शाता है अतः कुल मिलाकर इस बजट से आमजन कोई फायदा नही होने वाला। – अरुण व्यास, प्रदेश महासचिव
राजस्थान युवा कांग्रेस

मोदी सरकार द्वारा जारी आम बजट देश में विकास के नए आयाम रचेगा। कोरोना संकट के इस दौर में आत्मनिर्भर भारत पर जोर देते हुए राहत देने वाली अनेक घोषणाएं की हैं। खासतौर पर कोरोना वैक्सीन के लिए 35000 करोड़ का ऐलान करने का तात्पर्य यह है कि कोरोना के खिलाफ जंग में सरकार कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती है। सरकार ने कोरोना वैक्सीन के लिए न सिर्फ भारी भरकम पैकेज का ऐलान किया, बल्कि कहा है कि जल्द ही दो और वैक्सीन देश में उपलब्ध होंगी।  बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 49 से बढ़कर 74 फीसदी करने का प्रस्ताव भी निवेश के लिए लाभदायी है। सरकार ने सोना-चांदी से कस्टम ड्यूटी को घटाया है। इसका मतलब है कि अब सोना-चांदी सस्ता होगा। देश में पहली बार डिजिटल तरीके से जनगणना होगी। 75 साल से अधिक उम्र के लोगों को टैक्स नहीं भरना होगा जैसे सराहनीय प्रयास आम बजट में किए गए हैं। – महावीर रांका, पूर्व अध्यक्ष- नगर विकास न्यास, बीकानेर

 

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