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बीकानेर,। संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि संपर्क पोर्टल के प्रकरणों का समयबद्ध एवं पूर्ण पारदर्शिता से निस्तारण किया जाए। सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करते हुए अधिकारी जवाबदेह बनें और आमजन को राहत प्रदान करें।
संसदीय सचिव सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में संपर्क पोर्टल के प्रकरणों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिन प्रकरणों में आम आदमी को तुरंत लाभ दिया जा सकता है, उसमें शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्हांेने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रतिदिन संपर्क पोर्टल खोलकर देखें तथा प्रकरणों की मॉनिटरिंग करें। ढिलाई बरतने वाले अधिकारी को चार्जशीट जारी करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अधिकारी को यह पता रहे कि उनके विभाग से संबंधित कौन से प्रकरण कब से लंबित हैं। यदि कोई प्रकरण किसी दूसरे विभाग से संबंधित है, तो उस विभाग को ट्रांसफर किया जाए। उन्होंने हिदायत दी कि स्वयं के खाते के प्रकरण कम बताने के लिए यदि कोई गलत प्रकरण ट्रांसफर करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
संसदीय सचिव ने कहा कि निस्तारित प्रकरणों का ‘संतुष्टि स्तर’ देखें। निस्तारित प्रकरणों को पुनः खुलवाएं और देखें कि परिवादी को वास्तव में राहत मिली है या नहीं। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर से संबंधित प्रकरणों का ट्रांसफर संभागीय आयुक्त के माध्यम से होगा। जिले से इन प्रकरणों की सूची बनाकर संभागीय आयुक्त को भेजी जाएगी तथा संभागीय आयुक्त द्वारा समीक्षा के बाद ये प्रकरण राज्य सरकार को भिजवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि एडोप्टर, इस पूरी प्रक्रिया की महत्त्वपूर्ण इकाई है। एडोप्टर पूर्ण गंभीरता से अपना कार्य करें। उन्होंने कहा कि एडोप्टर को दो गांवों में जनसुनवाई करने के आदेश भी जारी किए गए हैं। इसकी अनुपालना की जाए।
डॉ. मेघवाल ने कहा कि एडोप्टर अधिकारी के पास उनके अधीनस्थ पटवारी, ग्राम सेवक, एएनएम, जीएनएम, कृषि पर्यवेक्षक सहित समस्त कार्मिकों की सूची होनी चाहिए, जिनके माध्यम से निस्तारित प्रकरणों का शत-प्रतिशत वेरिफिकेशन करवाया जाए। एडोप्टर अधिकारी द्वारा 25 प्रतिशत प्रकरणों का क्रॉस वेरिफिकेशन करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अधिकारी जहां भी जनसुनवाई करें, संबंधित व्यक्ति को रसीद जरूर दें तथा प्रकरण को संपर्क पोर्टल पर दर्ज करें। प्रत्येक प्रकरण का समयबद्ध निस्तारण करें तथा जवाब अपलोड करें। उन्होंने कहा कि गलत जवाब अपलोड करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
संपर्क व्यवस्था को देशभर में मिली विशेष पहचान
संसदीय सचिव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राजस्थान में प्रारम्भ की गई इस अभिनव पहल को पूरे देश में विशेष पहचान मिली है। अनेक राज्यों में इस व्यवस्था को लागू करने की योजना बन रही है। उन्होंने कहा कि संपर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों के निस्तारण एवं वेरिफिकेशन की समीक्षा स्वयं मुख्यमंत्राी द्वारा की जाती है। सरकार द्वारा जिलों की रैंकिंग का निर्धारण भी किया जाता है। उन्होंने बताया कि वे स्वयं भी संपर्क पोर्टल के निस्तारित प्रकरणों में से 35 का ‘क्रॉस वेरिफिकेशन’ कर चुके हैं।
ढिलाई बरतने वालों को नोटिस, पंचायत स्तर पर होगी समीक्षा
बैठक में बिना सूचना अनुपस्थित रहने पर उपखण्ड अधिकारी छत्तरगढ़ तथा विकास अधिकारी पांचू एवं खाजूवाला को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। संसदीय सचिव ने कहा कि विद्युत निगम के सहायक अभियंता, जिनके साठ दिनों से अधिक समय से सर्वाधिक प्रकरण लंबित हैं, उन्हें भी नोटिस दिए जाएं। उन्होंने कहा कि जिले के बाद पंचायत समिति स्तर पर संपर्क के प्रकरणों की समीक्षा की जाएगी। इसका कार्यक्रम शीघ्र ही निर्धारित किया जाएगा।
फ्लेगशिप योजनाओं की हो प्रभावी मॉनिटरिंग
संसदीय सचिव ने राज्य सरकार की फ्लेगशिप योजनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति को मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि श्रमिक पंजीयन, भामाशाह, मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान, स्वच्छ भारत, संपर्क पोर्टल, अन्नपूर्णा योजना सहित लगभग 20 योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा ग्राम पंचायत स्तर तक औचक निरीक्षण के दौरान की जाएगी।
जिला कलक्टर वेदप्रकाश ने कहा कि ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट तथा नोटिस जारी करने के लिए गत बैठक में निर्देशित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रारम्भिक शिक्षा, राजस्व, यूआईटी, जेडीवीवीएनएल, ग्रामीण विकास एवं नगरीय विकास विभाग के सर्वाधिक प्रकरण लंबित हैं। ऑनलाइन एडोप्टर वेरिफिकेशन रिपोर्ट के आधार पर नायब तहसीलदार छत्तरगढ़, अधिशाषी अधिकारी नोखा, विकास अधिकारी श्रीडूंगरगढ़, उपखण्ड अधिकारी खाजूवाला तथा विकास अधिकारी खाजूवाला सबसे फिसड्डी हैं। इन सभी अधिकारियों को गंभीरता से कार्य करते हुए प्रति सप्ताह प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक की शुरूआत में राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी तथा नगर विकास न्यास के सचिव महेन्द्र सिंह के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया गया तथा दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। बैठक में उप वन संरक्षक डॉ. शलभ कुमार, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नम्रता वृष्णि, अतिरिक्त कलक्टर प्रशासन यशवंत भाकर, एडीएम सिटी शैलेन्द्र देवड़ा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतनाम सिंह, निगम उपायुक्त ताज मोहम्मद, एसीपी सत्येन्द्र सिंह सहित समस्त एडोप्टर तथा जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

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