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बीकानेर,। बीकानेर बॉयेज स्कूल का वार्षिकोत्सव ’’रहमत’ शनिवार को स्कूल परिसर में रंगारंग प्रेरणादायक एकसे बढ़कर एक आकर्षक प्रस्तुतियों के साथ आयोजित किया गया। स्मारोह में स्कूल के विद्यार्थियों तथा बड़ी संख्या में अभिभावकों ने आकर्षक वेशभूषा एवं भाव भंगिमाओं के साथ आयोजित प्रस्तुतियों की करतल ध्वनि से सराहना की।
कर्यक्रम की मुख्य अतिथि स्थाई लोक अदालत की चैयरमैन डॉ.कमलदत्त थीं। उन्होंने कहा कि बीकानेर बॉयज स्कूल ने 48 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठा हासिल की गई है। बीबीस स्कूल के विद्यार्थियों ने शिक्षा,खेलकूद, सांस्कृतिक व साहित्यिक सहित विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन किया है। पहली गुरु माता होती है, उसके बाद गुरु बच्चों के सर्वागींण विकास करते हुए उन्हें सर्वोत्तम बनाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रस्तुति में संदेश, संस्कृति व जीवन का सच दर्शाया गया। नृत्यनाटिका में वर्तमान युवाओं को दिशा दी गई की माता पिता का सम्मान करें तथा बुरी आदतों का त्याग कर अच्छे नागरिक बने।
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विशिष्ट अतिथि लिटिल फ्लावर शिक्षा सोसयटी के सचिव जोबी पलनकरा ने कहा कि फादर व सोसयटी तथा सिस्टर त्याग व समर्पण के साथ विद्यार्थियों को शिक्षित करने तथा पीड़ित मानव की सेवा में समर्पित हैं,। हमें उन्हें सम्मान देते हुए अनुशासन के साथ अच्छे नागरिक बनने का प्रयास करना चाहिए। रेवरन फादर जोसफ ने स्वागत भाषण किया। प्राचार्य फादर सीबू ने स्कूल की गतिविधियों से अवगत करवाते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। हैड बॉय हिमांशु भार्गव ने प्रगति प्रतिवेदन पेश किया। डॉ. पुनीत कालरा ने भी विचार व्यक्त किए।
प्रभु वंदना से शुरू हुए कार्यक्रम में गुजरात, राजस्थान,छतीसगढ़ व केरल आदि दे के देश के विभिन्न प्रदेशों के लोक नृत्य पेश किए। नन्हें बच्चों ने राजस्थानी गीत पधारो म्हारे देश पर नृत्य कर समा बांध दिया। प्राथमिक विंग के ही छात्रों ने जनानी स्वरूप् धारण कर प्राकृतिक सौन्दर्य को दर्शाने वाले तथा प्रकृति व वन्य जीवों को संरक्षण का संदेश देने वाला चिताकर्षक नृत्य किया।
राष्ट्रभक्ति से ओत प्रोत गीत ’’जय हो’’ में तिरंगा ध्वज का सम्मान देते हुए तिरंगी वेशभूषा में प्रस्तुत पर खब करतल ध्वनि मिली। समारोह का मुख्य आकर्यण नाटक’’नई दिशा’’ था। नाटक में बताया गया कि वर्तमान युवा अपने माता पिता का तिरस्कार करते है तथा बुरी संगत व आदतों से अपना तथा परिवार का जीवन बर्बाद करते हैं। युवाओं को चाहिए िकवे बुरी संगत व आदतों से बचे तथा अच्छे नागरिक बने। माता पिता के कदमों में ही रहमत है। माता पिता ईश्वर रूप् होते है,जिनकी रहमत पाकर बच्चे नाम रोशन करते है।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने लघु संवादों के माध्यम से शिक्षित बनने, बड़ों का सम्मान करने, पर्यावरण प्रदूषण को रोकने, साम्प्रदायिक सौहार्द व भाई चारे को बनाए रखने, सभी धर्मों को सम्मान देने तथा पर्यावरण प्रदूषण को रोकने तथा स्वच्छ भारत अभियान में सहभागी बनने का संदेश दिया।
समारोह मं सोफिया स्कूल की प्राचार्य सिस्टर वर्जिन, एस.डी.कॉन्वेंट की सिस्टर उदया, सिस्टर गिलबर्टा, सिस्टर शोसिमा, सिस्टर सिद्धि तथा लिटिल फ्लावर शिक्षा सोसायटी की सिस्टर, बीकानेर के गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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