बीकानेर, मुकेश पूनियां । मौसम में रहे बदलाव की वजह से स्वाइन फ्लू का खतरा भी बढ़ गया है। डॉक्टरों के मुताबिक तापमान में तेज उतार-चढ़ाव के साथ इस मौसम में स्वाइन फ्लू से सबसे अधिक खतरा है। इसे देखते हुए चिकित्सा विभाग भी अलर्ट हो गया है। जिले के सीएमएचओं डॉ.देवेन्द्र चौधरी ने तमाम चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिये है कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले हर रोगी की स्क्रीनिंग की जाये। सीएमएचओ ने बताया कि जिले में फिलहाल स्वाइन फ्लू का एक भी रोगी चिन्हित नहीं हुआ है,लेकिन प्रदेश के जोधपुर और अजमेर समेत अनेक शहरों में स्वायन फ्लू के रोगी मिलने के बाद बीकानेर में सतर्कता बरती जा रही है। उन्होने बताया कि स्वाइन फ्लू का वायरस ज्यादा ठंडे और नमी वाले वातावरण में तेजी से फैलता है। कम समय में तापमान में बदलाव होना जैसे सर्दी और गरमी या वातावरण में नमी की मौजूदगी इस तरह के संक्रमण को बढ़ावा देता है। नमी के कारण यह वायरस ज्यादा समय तक वातावरण में रह जाता है। इस कारण ज्यादा लोगों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। सुबह हल्की ठंड महसूस होती है, जबकि दोपहर में तेज धूप निकल रही है, ऐसे में सर्द गर्म की स्थिति बनी हुई है। ऐसे मौसम के अनुकूल शरीर ढालने में दिक्कत होने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होने लगती है। सर्द-गर्म मौसम में सर्दी-जुकाम और सिर दर्द हो सकता है। विशेषकर बच्चे इससे अधिक पीडि़त हो सकते हैं। ऐसे मरीज अस्पताल में पहुंच भी रहे हैं। ठंड बढऩे पर धूल वातावरण में अधिक ऊपर नहीं उठ पाता। धूल कण नीचे हवा में तैरते रहने से एलर्जी होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे माहौल में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस आदि सांस की बीमारियां प्रभावी हो जाती हैं। क्या है एच1एन1 यह एक प्रकार का फ्लू वायरस है। यह पहली बार 2009 में पाया गया था और इसका नाम स्वाइन फ्लू वायरस हो गया, क्योंकि यह सुअरों में पाए जाने वाले वायरस से मेल खाता था। नवीनतम परिस्थिति में यह एक प्रकार का मौसमी फ्लू वायरस है जो कि इंसानों में पाया जाता है।