हैलो बीकानेर,। आखातीज यानि बीकानेर स्थापना दिवस के मौके पर शनिवार को भी दूसरे दिन आसमान में पतंगों का डेरा रहा। दिनभर आसमां रंग-बिरंगी पतंगों से अटा रहा। पतंगबाजी को लेकर युवाओं के सिर जुनून सवार रहा। दिनभर गली-मोहल्लों में ‘बोई काट्या है.. उड़ा-उड़ा’ का शोर सुनाई दिया तथा आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से सजा रहा। लोगों ने पतंगबाजी के अलावा दान पुण्य भी खूब किया। घरों में महिलाओं ने दूसरे दिन भी खीचड़ा बनाया और इम्लाणी बनायी। मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की गई और श्रद्धालुओं ने जमकर दान-पुण्य किया तो वहीं गायों को चारा खिलाया गया। शहर में सुबह से ही युवा पतंगबाजी के लिए छत पर चढ़ गए। दिन चढऩे के साथ-साथ छतों पर लोगों की भीड़ बढ़ती गई। शहरवासियों ने डीजे की धुन पर जमकर पतंग उड़ाई। युवाओं के साथ युवतियों, बच्चों में भी पतंगबाजी का जबरदस्त के्रजरहा। पतंगबाजी के साथ कटी पतंगों को लूटने वालों का उत्साह भी चरम पर रहा। स्थापना दिवस के मौके पर शहर में कफर््यू का सा माहौल भी देखने को मिला। दुकानें बंद दिखीं।
पतंगों के साथ ली सेल्फी …
बीकानेर में सेल्फी का प्रचलन बढ़ता जा रहा है सोशल मीडिया पर जमकर पतंगों के साथ सेल्फी दिन भर अपलोड होती रही कोई पतंग उडाता सेल्फी ले रहा था तो कोई पतंग लुटता हुआ, सोशल मीडिया पर दिन भर लाइव विडियो भी अपलोड होते रहे । कही पति पत्नी के साथ फोटो अपलोड हुई तो कही बच्चो के साथ फोटो क्लिक होते दिखाई दिए।
जम कर हुई आतिशबाजी….
शहर के अंदरुनी क्षेत्रों में घरों की छतों पर श्याम होते ही जम कर आतिशबाजी शुरू हो गयी आसमान रंग बिरंगी रोशनी से जगमगा उठा तरह तरह के पटाखों का नजारा आसमान में दिखने लगा। अपने शहर के स्थापना दिवस की खुशी मानाने में लोगो ने कही कमी नहीं राखी। यु कहे तो दीपावली जैसा माहोल हो गया ।
तू चीज बड़ी है मस्त मस्त …..!
शहर के अंदरुनी क्षेत्रों में घरों की छतों पर युवाओं की टोलियों ने तो कान फोडू गीत बजाए रखे। आवाज इतनी तेज की पता ही नहीं चला क्या गाया। कहीं ‘तू चीज बड़ी है मस्त मस्त’ तो कहीं रिमिक्स और राजस्थानी गीतों की महफिल सी सजी नजर आई। एक ने पतंग उड़ाई तो एक ने लटाई पकड़ी, बाकी तो नाचते-कूदते रहे। कई लोग ढोल की थाप पर जमकर थिरकते रहे। छतों पर शाम तक ऐसे ही नजारे दिखाई दिए।
पेराशूट वाले गुब्बारे रखे आकर्षण का केंद्र …
पूरे शहर की छतो पर से पेराशूट वाले गुब्बारे उड़ते नज़र आये । यह प्रचलन पिछले कुछ सालो से शुरू हुआ है । रंग बिरंगे गुब्बारे आसमान में सभी के आकर्षण का केंद्र बने रहे।