कड़वे प्रवचनों के लिए पहचाने जाने वाले जैन मुनि तरुण सागर ने श्मशान में अपना जन्मदिन मनाने का फैसला लिया। मुनि तरुण सागर का जन्म दिन सोमवार को है।
जैन मुनि तरुण सागर महाराज का कहना है कि आज हो या कल, जिंदगी का आखिरी पड़ाव श्मशान होता है। ये बात वे प्रवचन कार्यक्रमों में भी कह चुके है। अपनी बात को और असरदार बनाने के लिए जैन संत ने इस बार अपना जन्मदिन श्मशान में मनाने की घोषणा की है। सीकर के उदयपुर वाटी में स्थित श्मशान में उनका 50 वां जन्मदिन मनाया जाएगा।
इस मौके पर उनके साथ करीब दो हजार अनुयायी होंगे। चूंकि वे अपना 50वां जन्मदिवस मना रहे है, इसलिए उनके आसपास रहने वाले 50 लोग श्वेत वस्त्र धारण करेंगे। श्मशान में विभिन्न प्रजाति के 50 पौधे लगाए जाएंगे।
मुनि तरुण सागर का कहना है कि जिंदगी में कम से कम एक बाद श्मशान में जन्मदिन मनाना चाहिए। ताकि व्यक्ति को नश्वर शरीर की असलियत का पता चल सके। मुनि होटल आदि में जन्मदिन मनाने को फिजुल खर्ची मानते है। साभार : अमर उजाला