हैलो बीकानेर। दिल्ली की सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था द्वारा दिल्ली के शाह ओडिटोरियम में आयोजित ‘राजस्थानी रत्नाकर’ के वार्षिक समारोह में डॉ. नीरज दइया को श्री दीपचंद जैन साहित्य पुरस्कार तथा डॉ मंगत बादल को ओ पी बागला पुरस्कार प्रदान किया गया।
यह पुरस्कार केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट राज्यमंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल एवं केन्द्रीय विधि एवं न्याय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री पी. पी. चौधरी द्वारा प्रदान किए गए। राजस्थानी साहित्य में विशेष योगदान के लिए निर्णायक समिति की समाज सेविका कमला सिंघवी, पद्मश्री शीला झुंझुनवाला, हास्य कवि पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा, ओ.पी. बागला और रमेश जैन ने सर्वसम्मति से डॉ. नीरज दइया और डॉ मंगत बादल को राजस्थानी साहित्य में उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए चयनित किया। इन्हें मंचस्थ अतिथियों द्वारा 25 हजार रूपये, प्रशस्ति-पत्र, बुके व शाल प्रदान कर सम्मानित किया।
संस्था के चैयरमैन राजेन्द्र गुप्ता ने बताया कि संस्था पिछले 43 वर्षों से राजधानी क्षेत्र दिल्ली में विविध कार्यक्रम करती रही है, इस बार पुरास्कारों के अलावा जरूरतमंद प्रतिभावान छात्र छात्रों को छात्रवृति भी प्रदान की गई।
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट राज्यमंत्री श्री मेघवाल ने कहा कि राजस्थानी संस्कृति का संरक्षण करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रीय भाषाओं को विदेशों में मान्यता प्रदान हो गई उन्हें जल्द ही मान्यता दी जानी चाहिए। राजस्थानी, भोजपुरी और भोटी भाषा की मान्यता के लिए जल्द ही शुभ समाचार मिलने वाले हैं।
केन्द्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री श्री चौधरी ने संस्था के कार्यों की सराहना करते हुए भाषा, साहित्य और कला की समाज में जरूरत जताई। हास्य कवि पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि अंग्रेजी जिन युवकों को कार देती है उनको हिंदी और भारतीय भाषाएं संस्कार देती है।