hellobikaner.com

Share

हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.com, बीकानेर। आज दिनांक 19 मार्च 2025 को शहीद कैप्टन चंद्र चौधरी स्मारक स्थल पर एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जिसमें एडवोकेट गोर्वधन सिंह, सीताराम चौधरी एवं रामदयाल राजपुरोहित ने शहीद मेजर जेम्स थॉमस की प्रतिमा स्थापना को लेकर विस्तार से जानकारी दी।

प्रेस वार्ता में बताया गया की वीर शहीद कीर्ति चक्र सम्मानित मेजर जेम्स थॉमस की प्रतिमा स्थापना को लेकर तैयारियाँ पूर्ण गति से चल रही हैं। यह घोषणा की गई कि तीन दिन पूर्व संभागीय आयुक्त को इस विषय में लिखित सूचना देकर स्पष्ट कर दिया गया है कि यदि प्रशासन शीघ्र ही इस विषय में सकारात्मक निर्णय नहीं लेता है, तो बीकानेर की जनता स्वयं 23 मार्च को दोपहर 4 बजे मेजर जैम्स थॉमस की प्रतिमा को पब्लिक पार्क या किसी अन्य गरिमापूर्ण स्थान पर स्थापित करेगी। यह केवल एक निर्णय नहीं, बल्कि जनता की भावना और शहीद के प्रति सम्मान की अभिव्यक्ति है।

शहीद मेजर जेम्स थॉमस ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया और उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश बीकानेर में पिछले 19 वर्षों से उनकी प्रतिमा स्थापित नहीं हो सकी है। 88 वर्षीय वृद्ध माँ आज भी अपने बेटे की प्रतिमा सार्वजनिक स्थल पर देखने की प्रतीक्षा कर रही हैं। स्थानीय प्रशासन से कई बार अनुरोध किया गया, लेकिन अब तक कोई स्थान तय नहीं किया गया है।

इस विषय में जागरूक युवाओं द्वारा कई बार जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों एवं मंत्रियों से मिलकर निवेदन किया गया कि बीकानेर में किसी सार्वजनिक स्थान पर शहीद की प्रतिमा के लिए केवल मात्र 5 फीट भूमि प्रदान किया जाए, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

प्रेस वार्ता में यह भी घोषणा की गई कि आगामी 23 मार्च 2025 (शहीद दिवस) को बीकानेर के किसी एक सार्वजनिक स्थल पर शहीद मेजर जेम्स थॉमस की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के शहीद अशुमान सिंह के पिता, वरिष्ठ जनप्रतिनिधि डॉ. किरोड़ी लाल मीणा सहित कोटा, जयपुर एवं देश के अन्य हिस्सों से शहीद परिवार इस आयोजन में शामिल होंगे।

सिंह ने कहा कि यदि प्रशासन इस आयोजन में सहयोग नहीं करता और बाधा उत्पन्न करता है, तो भी यह कार्य हर हाल में संपन्न किया जाएगा। चाहे मुकदमा हो या लाठी, देश के लिए बलिदान देने वाले वीर सपूत का सम्मान हमारी प्राथमिकता है।

अब यह आंदोलन जनता के हाथ में है और जनता ही देश की मालिक होती है । शहीद का सम्मान और 88 वर्ष की बुजुर्क़ माँ की 19 वर्षों की तपस्या के आगे कोई भी प्रशासनिक बाधा स्वीकार्य नहीं होगी। यदि सरकार अपने कर्तव्यों से विमुख रहती है, तो जनता खुद आगे बढ़कर यह कार्य सम्पन्न करेगी।

 

About The Author

Share

You cannot copy content of this page