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राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में बोले सांसद बुडानिया
चूरू, जितेश सोनी । राज्सभा सांसद नरेन्द्र बुडानिया ने केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के व्यक्तव्य देश बदल रहा है को कोट करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने अनेक योजनाएं बनाई, मेक इन इण्डिया, डिजीटल इंण्डिया आदि की बात कही गई। उन्होंने कहा कि घोषणाओं की दुकाने तो बहुत खोली गई लेकिन माल कितना बिका यह महत्वपूर्ण है। सांसद बुडानिया राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर करीब बीस मिन्ट बोले और अनेक विषयों की ओर सरकार व सदन का ध्यान आकर्षित किया। सांसद बुडानिया ने कहा कि घोषणाएं करने वाली सरकार को यह भी जानना चाहिए कि वे कितनी जमीन पर उतरी, लेकिन देश ने देखा की कि सरकार की कोई भी घोषणा जमीन पर नहीं उतरी। उन्होंने सदन के माध्यम से सरकार को सावचेत किया कि अधिकांश समय निकल गया है अब केवल एक साल का समय है इसलिए वह योजनओं के क्रियान्वयन की ओर ध्यान दे। सांसद बुडानियां ने सरकार की सिंचाई योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज किसानों की हालत पतली हो रही है। क्योंकि जब फसल का समय आया तो किसाने के पास व बीज व खाद के पैसे नहीं थे, क्या ऐसे समय में सरकार को किसान को बीज व खाद के लिए पैसा नहीं देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि खरीफ की फसल मंडियांे में पड़ी रही कोई लेनदार नहीं मिला, किसानों को अपनी फसल फैंकनी पड़ी तो क्या किसानों को सरकार बोनस दे यह कार्य नहीं करना चाहिए था। उन्होंने राजस्थान के चूरू जिले की तारानगर तहसील पर चर्चा करते हुए कहा कि वहां तीन माह से किसान पीने व सिंचाई के पानी के लिए आन्दोलन कर रहे हैं, राज्य सरकार व केन्द्र के मंत्री जानते हैं लेकिन इसके बाद भी तारानगर के अधिकांष कृषि क्षेत्र में नहर का पानी नहीं दिया जा रहा है, क्या यह किसानो के सा अन्याय नहीं है। उन्होंने किसानों को बीस प्रतिशत बोनस देने की मांग करते हुए कहा कि किसान की उन्नति के लिए एमएसी को बढाना होगा, यह मेरा सुझाव है। राज्यसभा में सदन में अभिभाषण चर्चा में सांसद बुडानियां ने कहा कि प्रधामंत्रीजी जब मन की बात के माध्यम से देशा को संबोधित कर रहे थे तो देशवासियों को बड़ी अपेक्षाएं थी। देश का मजदूर, गरीब व किसान आशा कर रहा था कि प्रधानमंत्री बड़ी घोषणा करेंगे लेकिन उन्होंने आमजन को निराश किया। प्रधामत्री को किसान के कर्ज माफ करने चाहिए थे तो उनको राहत देने की वे पहल करते तो शासद किसानों की समस्याओं का कुछ समाधान होता। सांसद बुडानिया ने सदन में बेबाक कहा कि प्रधानमंत्री ने युवाओं को रोजगार देने की बात की लेकिन सरकार ने उल्टा किया और नोटबंदी की आड़ में युवाओं से रोजगार छीन लिया। आज युवाओं की स्थिति यह है कि वे रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे है। सांसद नरेन्द्र बुडानिया ने नोटबंदी पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने जब यह कहा कि आंतकवाद, कालाधन, नकली नोट व भ्रष्टाचार के खिलाफ वे लड़ाई लड़ रहे हैं तो कांग्रेस ने उनका समर्थन किया था। सांसद ने कहा कि हमे गर्व है हमारे नेताओं पर जिन्होंने इस लड़ाई का समर्थन किया लेकिन जब असलियत समाने आई तो सामने कुछ ओर ही आया। क्योंकि इससे न तो कालाधन आया और न ही भ्रष्टाचार थमा। इसलिए सरकार को अब यह तो बताना ही होगा कि कितना कालाधन देश में आया। सांसद बुडानिया ने सर्जीकल स्ट्राइक पर बोलते हुए कहा हमे गर्व है हमारी सेना और जवानों पर लेकिन वर्तमान में सर्जीकल स्ट्राइक गरीबी एवं बेरोजगारी के खिलाफ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें बार-बार यह सुनने को मिल रहा है कि आजादी के बाद देश में कुछ भी नहीं हुआ और ढाई साल में सबकुछ हो गया। यह कैसी आश्चर्यजनक बात है। उन्होंने कहा पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के दिए अवदान को क्या देश भूल सकता है या फिर इन्दिराजी के देश के लिए किए गए विकास कायों की अनदेखी की जा सकती है। कांग्रेस ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी और देश का विकास किया तो लोकतंत्र की रक्षा की। राज्यसभा सांसद नरेन्द्र बुडानियां के राज्यसभा में उठाए गए विषयों को सकारात्मक बताया और खुशी व्यक्त की। जिला कांग्रेस सचिव जमील चैहान, महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष निर्मला सिंघल, रियाजत खान, पूर्व ब्लाॅक अध्यक्ष राधेश्याम चोटिया, देहात अध्यक्ष ताराचंद बुडानियां, उमाशंकर शर्मा, विकास मील, विकास बुडानिया, हेमन्त सिहाग, मुस्ताक खान, अंजनी शर्मा, मोहम्मद रफीक व कर्मचारी नेता गुलाम नबी खां ने सांसद बुडानियां को साधुवाद दिया।
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