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हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.com, श्रीगंगानगर। राजस्थान में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और अनूपगढ़ जिलों सहित पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में पंजाब से आने वाले जहरीले पानी की रोकथाम लगाने की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों ने नौ नवम्बर को श्रीगंगानगर जिला बंद करने घोषणा की है।

किसान संघर्ष समिति ने गुरुवार को स्थानीय नई धानमंडी स्थित कृषि उपज मंडी कार्यालय में विस्तृत बैठक का आयोजन किया गया जिसमें कई व्यापारिक संगठनों, यूनियनों, ट्रेड यूनियन, किसान, राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए। पंजाबी फिल्म निर्देशक अमितोज मान एवं सामाजिक कार्यकर्ता लखा सिधाना ने तीन दिसम्बर को पंजाब पहुंचने का आह्वान किया।


अमितोज मान ने कहा कि पंजाब में लुधियाना के नजदीक बुड्ढा दरिया अब गंदे पानी के नाले में तब्दील हो चुका है इसके लिए मुख्य रूप से औद्योगिक इकाइयों और शहरों के सीवरेज का गंदा पानी जिम्मेदार है। गंदा एवं कैमिकल युक्त नौ करोड़ लीटर पानी सतलुज में डाला जा रहा है। पंजाब में जनता की मांग के बावजूद पंजाब सरकार, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) तीनों जुर्माना लगाने से अधिक कुछ नहीं कर रहे। बुड्ढा नाला पर अवैध फैक्ट्रियों को गत अगस्त में बंद करने का निर्णय हुआ था। यह फैक्ट्रियां अब भी चल रही हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में हम गंभीर बीमारियों से तिल-तिल करके मरें इससे बेहतर है, हम संघर्ष करें और आने वाली पीढ़ी के लिए शुद्ध पानी का प्रबंध करें।


जहर से मुक्ति आंदोलन के संयोजक मनिंद्र सिंह मान ने कहा कि गंदे पानी की लड़ाई को राजस्थान के दूसरे जिलों तक ले जाने का प्रयास किया जायेगा। चूंकि अकेली इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) से 7500 गांवों के पौने दो करोड़ लोग इस पानी को पेयजल के रूप मे इस्तेमाल करते हैं। इसी कारण राजस्थान के दूसरे हिस्सों के मुकाबले इस क्षेत्र में कैंसर अधिक फैल रहा है। मान ने कहा कि नौ नवम्बर को जिला बंद के तहत सरकारों तक अपनी पीड़ा को रखेंगे। यदि कोई कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन तेज किया जायेगा।

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