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बीकानेर। चौबीसवां अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव 14 और 15 जनवरी को पांच शताब्दी से अधिक प्राचीन तथा स्वर्णिम धोरों की धरा बीकानेर में शनिवार को प्रारम्भ होगा। लोकप्रियता के शिखर को निरन्तर छू रहे ऊंट उत्सव में देशी-विदेशी पर्यटक शामिल होंगे। मकर संक्रांति के दिन रविवार को प्रात: 8 से दस बजे तक निकटवर्ती गांव रायसर में पर्यटकों के लिए नि:शुल्क कैमल सफारी एवं राइड की व्यवस्था की गई है। इसी दिन प्रात: साढ़े ग्यारह से साढ़े बारह बजे तक रेगिस्तानी जहाज की विशिष्टताओं,राजस्थानी कला व संस्कृति की आकर्षक झलक के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा ऐतिहासिक जूनागढ़ किले से रवाना होकर डॉ.करणी सिंह स्टेडियम पहुंचेगी। डॉ.करणी सिंह स्टेडियम में दोपहर साढ़े बारह बजे उत्सव का विधिवत उद्घाटन होगा। इसके पश्चात आर्मी द्वारा बैगपाइपर बैंड वादन किया जाएगा। इसके बाद ऊंट श्रृंगार प्रतियोगिता, ऊंट बाल कतराई प्रतियोगिता, आरएसी द्वारा बैंड वादन, ऊंट नृत्य प्रतियोगिता, मिस मरवण तथा मिस्टर बीकाणा प्रतियोगिता का आयोजन होगा। सांय 6:30 बजे से राजस्थानी कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी। सांस्कृतिक संध्या में लोक गायक कुतले खां और उनके बैंड द्वारा राजस्थानी गीतों की विशेष प्रस्तुतियां दी जाएगी। इसके पश्चात रंग-बिरंगी आतिशबाजी की जाएगी।
पहली बार होगी हैरिटेज वॉक
उत्सव के दूसरे दिन रविवार को हैरिटेज वॉक के साथ कार्यक्रमों का आगाज होगा। पत्थर की अद्भुत नक्काशी से दुनिया भर में बीकानेर को अलग पहचान देने वाली रामपुरिया हवेली से लक्ष्मीनाथ मंदिर,भांडाशाह जैन मंदिर के पास स्थित बीकानेर के संस्थापक राव बीकाजी की टेकरी तक निकलने वाली इस हैरिटज वॉक में शहर के गणमान्य लोगों के साथ अनेक पर्यटक शामिल होंगे। ‘हैरिटेज वॉक के माध्यम से वे बीकानेर के पुरा व सांस्कृतिक वैभव से रूबरू हो सकेंगे। हैरिटेज वॉक के दौरान सजे-धजे ऊंट, रोबीले और बैगपाइपर बैंड साथ रहेगा। वहीं देशी एवं विदेशी पर्यटक यहां की चंदा परम्परा, मथेरण कला, गणगौर, साफा-पगड़ी बांधने की कला, रम्मतों एवं उस्ता कला की बारीकियां जान सकेंगे। हैरिटेज वॉक का आयोजन पर्यटन विभाग द्वारा लोकायन संस्था के सहयोग से किया जाएगा।
डॉ.करणी सिंह स्टेडियम में दोपहर साढ़े बारह बजे से शाम पांच बजे तक राजस्थानी संस्कृति से ओतप्रोत विभिन्न प्रतियोगिताएं होगी। इनमें देशी-विदेशी पर्यटकों की रस्सा कस्सी, ग्रामीण कुश्ती प्रतियोगिता, कबड्डी खेल प्रदर्शन मैच, साफा बांधने की प्रतियोगिता, ऊंट नृत्य, मटका दौड़, म्यूजिकल चेयर सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं शामिल हैं। उत्सव के अंतिम दिन शाम छह बजे से रात आठ बजे तक राजस्थानी कलाकारों द्वारा लोक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी। उत्सव का समापन जसनाथी सम्प्रदाय की ओर से अग्निनृत्य एवं आतिशबाजी के साथ होगा।

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